
इंदौर के सुदामा नगर में रहने वाले 26 वर्षीय डॉक्टर हितेश शर्मा ने 17 मार्च को जहर खा लिया था। हितेश को इलाज के लिए चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टर हितेश एक संवेदनशील डॉक्टर था। वो गरीब मरीजों का इलाज अपने वेतन से करा देता था। उसकी किसी से दुश्मनी नहीं थी और उसके परिवार में भी कोई तनाव नहीं था। पुलिस को आत्महत्या का कारण जानने में पूरे 6 माह लगे।
डॉ. हितेश की शादी फरवरी में होना थी लेकिन उसकी बहन विदेश में रहती है और उसका बेटा छह महीने से कम आयु का था इसलिए उसे भारत आने के लिए वीजा नहीं मिल रहा था। बहन के शादी में शामिल नहीं हो सकने पर डॉ. हितेश ने सगाई होने के बाद शादी को कुछ समय के लिए टाल दिया था।
पूरा परिवार शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था। इसी दौरान सीहोर में रहने वाली हितेश की मंगेतर ने घर से भागकर अहमदाबाद में रहने वाले अपने प्रेमी से शादी कर ली। इतना ही नहीं उसने हितेश से अपने प्राइवेट रिलेशन को छुपाया और जब इसका खुलासा हुआ तो बेरहमी भरी प्रतिक्रिया दी।
डॉ. हितेश के परिजनों ने पुलिस को दिए बयान में एक व्हॉट्सएप मैसेज का जिक्र किया था। इस मैसेज में मंगेतर ने लिखा था, 'मैंने अपने दोस्त से शादी कर ली है। तुम जियो या मरो मुझे इससे कोई मतलब नहीं है. मेरा तुमसे कोई वास्ता नहीं है। पुलिस ने इस मैसेज को आत्महत्या का कारण माना और मंगेतर को गिरफ्तार कर लिया।