
गेट नहीं लगाए जाने से किसान पानी का उपयोग खेतों की सिंचाई में नहीं कर पा रहे हैं, किसान और स्थानीय जनप्रतिनिधि जलसंसाधन विभाग और जिलाप्रशासन से स्टाप डेम में गेट लगाने की शिकायत करते करते थक चुके हैं वहीँ जलसंसाधन विभाग के अधिकारी गोलमोल जवाब देकर अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।
एक तरफ अल्पवर्षा के चलते मंडला जिला सूखे की चपेट में है, जल संरक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा तमाम दावे और प्रयास किए जा रहे हैं। अल्पवर्षा के बावजूद भी जिले में पानी की कोई कमी नहीं है, लेकिन जल ही जीवन है का नारा देने वाले जल संसाधन विभाग की लापरवाही और मनमानी के चलते प्राकृतिक बारिश पर आश्रित रहने वाले किसान सूखे के संकट से जूझने को मजबूर हैं।
बता दें कि जल संसाधन विभाग द्वारा अरबों खरबों की राशि खर्च कर हजारों छोटे बड़े स्टॉप डेम बनाकर जिले के बड़े रकबे को सिंचित करने का दावा किया जाता है लेकिन हकीकत यह है कि खेतों की सिंचाई के नाम पर स्टॉप डेम निर्माण कर विभाग द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जाता है जिसका खामियाजा जिले के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।