
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 को मंजूरी दी गई। सूत्रों के मुताबिक यह कदम इसलिए उठाया गया, क्योंकि कुछ मंत्रियों के यहां पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के दस साल होने पर सामान्य प्रशासन विभाग ने सीमित परीक्षा लेकर भृत्य के पद पर नियुक्ति कर दी थी।
इसे बैकडोर एंट्री माना गया और काफी विवाद भी हुआ। इसके मद्देनजर ही सरकार ने नई व्यवस्था बना दी है। इसके साथ ही ऐसे पद जो विभाग के सेटअप में संविदा के रूप में स्वीकृत हैं, उनके लिए विज्ञापन के माध्यम से भर्ती की जाएगी।
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि संविदा नियुक्ति में न तो वेतनवृद्धि होगी और न ही पेंशन, ग्रेच्युटी और अनुग्रह राशि मिलेगी। छानबीन समिति का कोई काम भी नहीं रह जाएगा। वित्त विभाग की सहमति से नियुक्तियां होंगी।
अनुभव और योग्यता के आधार पर होगी नियुक्ति
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने गैर सरकारी व्यक्ति (जो कभी सरकारी नौकरी में न रहा हो) को संविदा पर नियुक्ति देने का रास्ता संविदा नियमों में खोल दिया है। इसमें ऐसे पद, जिनके लिए विधिक अनुभव होना जरूरी है, को छोड़कर अनुभव, विशिष्ट योग्यता और विशेषज्ञता की जरूरत के लिए गैर सरकारी व्यक्ति को संविदा नियुक्ति दी जा सकेगी।
इसके लिए सामान्य या विशेष आदेश निकालकर पद को संविदा नियुक्ति का घोषित किया जाएगा। ऐसे पदों के लिए वित्त विभाग की सहमति लेना जरूरी होगी। इन्हें विभाग द्वारा तय वेतन मिलेगा। ये कदम सरकार अपवाद स्वरूप ही उठाएगी।