मप्र के वित्तमंत्री ने माना GST हालात तो बिगड़े हैं

भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने 'सुपरमैन' वित्तमंत्री अरुण जेटली पर भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत बिगाड़ने और इसके बाद उत्पन्न 'आर्थिक सुस्ती' से कई सेक्टरों की हालत खस्ता होने के लिए निशाना साधा है। यशवंत सिन्हा के लेख के बाद अब मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया का भी बयान सामने आया है। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने माना है कि जीएसटी के लागू होने के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था धीमी हुई है लेकिन सरकार अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के लिए उपाय कर रही है और जल्द हालात में सुधार होगा।

वित्त मंत्री के मुताबिक जीएसटी रिटर्न फाइल करने के लिए कारोबारियों को राहत मिल सकती है. डेढ़ करोड़ के टर्न ओवर वाले कारोबारियों को हर महीने रिटर्न फाइल करने के बदले हर तीन महीने में रिटर्न फाइल करने की सुविधा मिल सकती है इसको लेकर राज्य सरकार ने जीएसटी काउंसिल को सुझाव भेजा है।

एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित एक लेख में वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि उन्होंने बहुत करीब से गरीबी को देखा है और उनके वित्तमंत्री भी सभी भारतीयों को गरीबी करीब से दिखाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं।

सिन्हा ने कहा है जेटली अपने पूर्व के वित्त मंत्रियों के मुकाबले बहुत भाग्यशाली रहे हैं. उन्होंने वित्त मंत्रालय की बागडोर उस समय हाथों में ली, जब वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल कीमत में कमी के कारण उनके पास लाखों-करोड़ों रुपये की धनराशि थी. लेकिन उन्होंने तेल से मिले लाभ को गंवा दिया।

उन्होंने कहा कि विरासत में मिली समस्याएं, जैसे बैंकों के एनपीए और रुकी परियोजनाएं निश्चित ही उनके सामने थीं, लेकिन इससे सही ढंग से निपटना चाहिए था। विरासत में मिली समस्या को न सिर्फ बढ़ने दिया गया, बल्कि यह अब और खराब हो गई है।

सिन्हा ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दो दशकों में पहली बार निजी निवेश इतना कम हुआ और औद्योगिक उत्पादन पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। कृषि की हालत खस्ता हाल है, विनिर्माण उद्योग मंदी के कगार पर है और अन्य सेवा क्षेत्र धीमी गति से आगे बढ़ रहा है, निर्यात पर बुरा असर पड़ा है, एक बाद एक सेक्टर संकट में है।

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