नई दिल्ली। टैक्स की बात करो तो सरकारें बेतुके जवाब देतीं हैं। कहतीं हैं विकास के लिए टैक्स जरूरी है। गरीबों को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन देतीं हैं परंतु रिफिल कराने पर टैक्स लेतीं हैं। किसान से इनकम टैक्स नहीं लेतीं परंतु उसके उपकरण और ईंधन पर मनमाना टैक्स थोप देतीं हैं। आजादी के पहले अंग्रेजी सरकार भी इसी तरह से टैक्स वसूलती थी। उन दिनों इसे लगान कहा जाता था। अब सैंकड़ों नए नाम आ गए हैं। वो किसानों की पीठ पर कोढ़े मारते थे, ये जेल में डाल देते हैं। सवाल यह है कि क्या सचमुच बिना टैक्स के देश नहीं चलाया जा सकता। दुनिया के 10 देश ऐसे हैं जो अपने नागरिकों ने इनकम टैक्स नहीं लेते, फिर भी विकास कर रहे हैं। आइए जानते हैं कौन से देश हैं वो:
1) ओमान
सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स में अपना योगदान देने वाले ओमान के नागरिकों से किसी तरह का आयकर नहीं लिया जाता हैं। अरबी प्रायद्वीप के दक्षिण पूर्व में स्थित यह देश तेल और गैस का निर्यात करता हैं। सरकार निर्यात से पैसा कमाती है और देश के विकास में लगाती है।
2) क़तर
दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिने जाने वाला क़तर देश जीडीपी तेल और गैस के निर्यात पर निर्भर हैं। वैसे यहाँ के नागरिकों से आयकर नहीं लिया जाता हैं। यहां भी सरकार निर्यात से पैसा कमाती है और देश के विकास में लगाती है।
3) सऊदी अरब
सऊदी अरब के शेखों की रईसी से कौन परिचित नहीं है। अपने शौक पूरे करने के लिए करोड़ों खर्च कर देते हैं। यहाँ पर लोगों से सोशल सिक्योरिटी पेमेंट्स और कैपिटल गेन टैक्स लिया जाता हैं लेकिन इनकम टैक्स नहीं लिया जाता हैं। सरकार गैस और तेल की निर्यात से पैसा कमाती है।
4) संयुक्त अरब अमीरात
बेहतरीन कारीगरी, ऊंची इमारतें और हैरान कर देने वाले आर्किटेक्चर आपको केवल इसी देश में देखने को मिलेगे। आपको बता दें, इस देश की जीडीपी तेल और गैस के निर्यात के साथ-साथ पर्यटन पर भी आधारित हैं। वैसे यहाँ पर किसी भी व्यक्ति से आयकर या फिर कैपिटल टैक्स नहीं लिया जाता हैं।
5) बहरीन
इस देश के नागरिकों को आयकर नहीं देना होता। हालांकि कुछ दूसरे टैक्स अदा करने होते हैं। जैसे- किराए पर घर देने, स्टाम्प ड्यूटी, रियल स्टेट के ट्रांसफर पर टैक्स तथा सोशल सिक्योरिटी टैक्स। इसके साथ ही अप्रवासी लोगो को उनकी आय का 1 फीसदी हिस्सा सोशल सिक्योरिटी को देना होता हैं।
6) कुवैत
कुवैत एक मिडिल ईस्ट देश हैं जहाँ सोशल सिक्योरिटी के लिए निर्देशित राशि जमा करनी होती हैं लेकिन आयकर नहीं देना होता हैं। यह कितना धनी देश है बताने की जरूरत नहीं।
7) बहामास
इस देश की सरकारों ने इसके कुछ शहरों को इंटरनेशनल पर्यटन के नक्शे पर इस कदर जमा लिया है कि सारी कमाई उसी से हो जाती है। यहाँ के नागरिकों को आयकर नहीं जमा करना पड़ता हैं लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी, नेशनल इंश्योरेंश और प्रॉपर्टी टैक्स देना पड़ता हैं।
8) कैमेन आइलैंड्स
क्यूबा और कैरेबियन द्वीप समूह से दूर ये आइलैंड समुद्र के बीचोबीच स्थित हैं जहाँ नागरिक चाहे तो सोशल सिक्योरिटी के लिए राशि दे सकते हैं लेकिन उन्हें आयकर और कैपिटल टैक्स नहीं देना होता हैं। बस इंपोर्ट ड्यूटी देनी पड़ती हैं जिसकी रेंज 25 फीसदी हैं।
9) बारमूडा
दुनिया की सबसे महंगी जगहों में से एक बारमूडा ब्रिटिश शासन के अधीन हैं। वैसे यह एक छोटा टापू हैं जो अटलांटिक महासागर के बीचो-बीच स्थित हैं। आपको बता दें, यहाँ पर लोग अपनी छुट्टियों को एन्जॉय करने के लिए आते हैं। यह वो देश हैं जहाँ आयकर नहीं जमा करना होता हैं लेकिन पेरोल टैक्स, सोशल सिक्योरिटी टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स जरूर देना होता हैं। इसके साथ ही 25 फीसद तक कस्टम ड्यूटी देनी होती हैं।
10) मोनाको
दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश मोनाको, जो स्विट्जरलैंड में स्थित हैं। यहाँ की राजभाषा फ्रेंच हैं। कहा जाता हैं, मोनाकों में करोड़पति लोगों के रहने का धनत्व सबसे ज्यादा हैं लेकिन यहाँ के लोगों से आयकर नहीं लिया जाता है, जब तक कि वह फ्रेंच हैं।
भारत सरकार खुद कमाई नहीं कर सकती क्या
सवाल यह है कि जब दर्जन भर देशों की सरकारों ने अपने आय के साधन डिवेलप कर लिए हैं तो भारत सरकार ऐसी पहल क्यों नहीं करती। क्यों ऐसा कोई मिशन तैयार नहीं किया जाता कि आम नागरिकों पर धीरे धीरे टैक्स खत्म कर दिए जाएं। कुछ देशों के पास तेल के भंडार हैं तो कुछ ने पर्यटन को कमाई का जरिया बना लिया है। भारत के पास तेल के भंडार नहीं हैं परंतु प्राकृतिक संपादाएं जो भारत के पास हैं किसी के पास नहीं हैं। सरकारों ने प्राकृतिक संपादाओं के दोहन का काम ठेकेदारों को दे रखा है। उन पर टैक्स भी बहुत कम लगाया है। कश्मीर हमारी आय का बड़ा जरिया हो सकता है परंतु उसे बेवजह तनावपूर्ण बना रखा गया है। सारी दुनिया भारत में पर्यटन के लिए आना चाहती है। सरकारों के पास अपने पर्यटन विभाग भी हैं परंतु वो इसे कमाई का मुख्य जरिया बनाना ही नहीं चाहते।