MP: कुष्ठ रोगियों के बच्चों की फीस माफ, कैंसर और हृदय रोगियों के लिए क्यों नहीं

भोपाल। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने एक आदेश जारी कर कुष्ठ रोगियों के आश्रित बच्चों की परीक्षा फीस माफ कर दी है। यह एक अच्छा फैसला है इसकी सराहना की जानी चाहिए परंतु सवाल यह है कि केवल कुष्ठ रोगियों को ही यह लाभ क्यों, कैंसर और इसके जैसी दर्जन भर जानलेवा बीमारियों के रोगियों के साथ पक्षपात क्यों। मंडल के इस फैसले से करीब एक हजार विद्यार्थियों को फायदा होगा लेकिन यदि वो उन सभी बीमारियों को शामिल करें जो जानलेवा हैं और जिनका इलाज बेहद महंगा है तो इसे पूरा न्याय कहा जाएगा।

आदेश जारी किया गया है कि विद्यार्थियों को ये लाभ तभी मिलेगा, जब निजी और सरकारी स्कूल ऐसे छात्रों की सूची और उनके माता-पिता के कुष्ठ रोगी होने संबंधी चिकित्सा प्रमाण पत्र मंडल को भेजेंगे। मंडल ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए भुगतान हो चुकी फीस को वापस करने के लिए स्कूलों से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। 

उल्लेखनीय है कि मंडल मान्यता एवं संबद्धता प्राप्त स्कूलों के सेवानिवृत्त शिक्षक, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक और मंडल के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों की फीस माफ करता है। इसी नियम के तहत ये कुष्ठ रोगियों को भी जोड़ लिया गया है। अब इस मामले में न्याय की मांग की जा रही है। सवाल यह है कि बीमारियों में आरक्षण कैसे हो सकता है। सभी प्रकार की जानलेवा और गंभीर बीमारियों से पीड़ित माता पिताओं की स्थिति एकजैसी ही होती है। 

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