
क्यों हुआ आदेश निरस्त
कहा जा रहा है कि पन्नालाल सोलंकी ने बड़े ही जतन से पन्ना की कलेक्टरी हासिल की थी लेकिन जैसे ही लिस्ट जारी हुई, हाईलेवल पॉलिटिक्स शुरू हो गई। पन्नालाल सोलंकी को कुपोषण के मामले में श्योपुर कलेक्टर को पद से दीपावली के समय हटाया गया था। इसे अभी एक साल पूरा नहीं हुआ है और नई लिस्ट में सोलंकी का नाम आ गया। अत: आनन फानन नया आदेश जारी किया गया।
2 करोड़ के घोटाले का भी है आरोप
श्योपुर के तत्कालीन कलेक्टर पन्नालाल सोलंकी पर 2 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है। यह घोटाला 35 समितियों के माध्यम से किया गया एक सुनियोजित घोटाला था परंतु जल्दबाजी के कारण पकड़ा गया। कलेक्टर ने ऐसी 35 समितियों के बैंक खाते खुलवाकर उन्हें शासकीय योजनाओं का पैसा दे दिया जो रजिस्टर्ड ही नहीं थीं। पहले खाते खुले, पैसे ट्रांसफर हुए फिर रजिस्ट्रेशन कराया गया। इन समितियों के माध्यम से कई हेर-फेर किए गए। आरोप है कि सबकुछ कलेक्टर के निर्देश पर किया गया।