OPPO MOBILE: पेमेंट नहीं किया तो आॅफिस सील

नई दिल्ली। यूं तो विज्ञापनों के मामले में OPPO MOBILE ने सबको पीछे छोड़ दिया है लेकिन अब विज्ञापनों के भुगतान को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जयपुर में नगरनिगम ने ओप्पो मोबाइल का आॅफिस सील कर दिया क्योंकि कंपनी ने नगर निगम को विज्ञापनों का बकाया भुगतान नहीं किया था। बार-बार नोटिस के बावजूद कंपनी उन्हें इग्नोर करती रही। इसके बाद निगम ने यह कार्रवाई कर दी।

नगर निगम के मानसरोवर जोन की ओर से यह कार्रवाई की गई। असल में नगर निगम को ओप्पो मोबाइल कंपनी की ओर से शहर में विज्ञापन संबंधी होर्डिंग-बोर्ड आदि लगाए जाने के बदले राशि जमा कराई जानी थी। ओप्पो ने अब तक की कुल राशि 2.32 करोड़ रुपए निगम के खाते में जमा नहीं कराए। इसके बाद मानसरोवर जोन की ओर से ओप्पो मोबाइल कंपनी को कई बार नोटिस दिए गए कि वह राशि जमा करा दे, लेकिन कंपनी की ओर से कोई पहल नहीं की गई। ऐसे में निगम ने दफ्तर सील कर दिया।

यूं निकाले दफ्तर से कर्मचारी
जिस समय निगम का दस्ता यहां रिद्धि-सिद्धि चौराहा स्थिति ओप्पो कंपनी के दफ्तर पहुंचा, यहां कर्मचारी काम में जुटे थे। कस्टमर्स से भी कर्मचारी डील कर रहे थे। चूंकि निगम पहले से ही नोटिस दे चुका था कि यदि राशि जमा नहीं कराई तो दफ्तर सील कर दिया जाएगा। ऐसे में बुधवार सुबह-सुबह निगम का दस्ता अफसरों के साथ यहां पहुंचा और सभी कर्मचारियों को तुरंत ही दफ्तर से बाहर निकलने को कह दिया। अचानक ऐसा होने पर कर्मचारी सकपका गए कि आखिर यह हो क्या रहा है। जब कर्मचारियों ने विरोध किया तो निगम अफसरों ने नोटिस दिखाया और उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखा दिया। कर्मचारी बाहर निकले तो निगम ने दफ्तर बंद कर उसे सील कर दिया और बाहर के हिस्से में नोटिस चस्पा भी कर दिया।

चाइनीज मैनेजमेंट नहीं कर रहा सहयोग
दो-तीन दिन से ओप्पो का चाइनीज मैनेजमेंट जयपुर आया हुआ है। इस मैनेजमेंट की टीम ने मंगलवार को कर्मचारियों से डांट-फटकार भी की थी। इस भुगतान की बात करने पर मैनेजमेंट नाराज भी हो गया था। इसके बाद इस चाइनीज मैनेजमेंट ने सहयोग से इनकार भी कर दिया बताया। इससे पहले जून के पहले सप्ताह में जयपुर में होर्डिंग्स को लेकर निगम ने विज्ञापन की राशि कलेक्ट करने का अभियान शुरू किया था। इसके बाद चाइनीज मैनेजमेंट ने शुल्क के भुगतान किए जाने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन बीस दिन तक नोटिस के बावजूद भुगतान नहीं किए जाने पर मंगलम टावर पर बने दफ्तर को सील कर दिया गया।

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