
इसके बाद आईसीआईसीआई लोंबार्ड के यहां पर उक्त वाहन का बीमा कराया गया। वाहन का चेचिस नंबर और इंजन नंबर तथा रजिस्ट्रेशन नंबर दिया गया। उक्त वाहन बीमा अवधि में 15 अप्रैल 2016 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसकी सूचना तत्काल बीमा कंपनी को दी गई। उन्होंने मौके पर आकर वाहन को देखा और 1 जून 2016 को वाहन पूर्ण फुल डैमेज हाल में था और अपने पास रख लिया और आश्वासन दिया कि वाहन फुल डैमेज हो गया है जिससे वाहन की कीमत रजिस्ट्रेशन बीमा राशि सहित शीघ्र आवेदिका को प्राप्त हो जाएगी परंतु बीमा कंपनी के द्वारा वाहन की क्षति पूर्ति राशि आवेदिका को प्रदान नहीं की गई।
उसके द्वारा सेवा में कमी की गई और इसके लिए आवेदन उपभोक्ता फोरम न्यायालय में दाखिल किया जिसमे फोरम न्यायालय के अध्यक्ष देव नारायण मिश्र और सदस्य ऊषा खरे ने पाया कि बीमा कंपनी द्वारा सेवा में कमी की गई है जिस पर न्यायालय द्वारा बीमा कंपनी से आवेदिका को राशि 7 लाख 77 हजार 653 रुपए अदा करने का आदेश पारित किया।