छोटी लड़कियों को इंजेक्शन से जवान बना सैक्स रैकेट चलाती थी: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी जमानत

नई दिल्ली। देह व्यापार करवाने के आरोप में गिरफ्तार महिला को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इन्कार कर दिया है। महिला और उसके साथियों पर आरोप है कि वो किशोरियों से देह व्यापार करावाते थे। यह सभी अपने व्यापार को चलाने के लिए लड़कियों को इंजेक्शन और दवाईयां देकर उनका शारीरिक विकास करते थे। ताकि वो कम उम्र में ही जवान हो जाएं और उनका शरीर आकर्षक दिखने लगे। 

इस दौरान वो लड़कियों को कुछ इस तरह से ब्रेनवॉश कर देती थी कि कम उम्र की लड़कियां उसके इशारों पर नाचती थीं। ग्राहकों के साथ खुद आगे बढ़कर संबंध बनाती थीं। उत्तेजक दवाईयों के कारण उन्हे पता ही नहीं होता था कि वो जो कर रहीं हैं, गलत है। 

आरोप हैं कि इन अभियुक्तो ने 9 साल की एक लड़की को जबरन देह व्यापार में शामिल किया। इस मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने जुलाई साल 2016 में महिला और अन्य को जमानत दे दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। जमानत खारिज करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि इस गंभीर अपराध के लिए सात साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

बेंच ने कहा कि इस गंभीर अपराध में अभियुक्तो को जमानत देकर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने गलत फैसला लिया। कोर्ट का ये तरीका पूरी तरह से गलत है। अभियुक्तो पर धारा 370, 373 और अनैतिक तस्करी के प्रावधानों मामला दर्ज हुआ है।'

1 मई 2016 को छापे के दौरान करीब 41 नाबालिग लडकियों को बचाया गया। बेंच ने कहा, 'इन पर आरोप है कि जिस्मफरोशी के लिए ये नौ साल की लड़की और बाकीयों का शारीरिक विकास करते थे। लड़कियों को देह व्यापार के लिए बाध्य किया जाता था। उन्हें भूखा रखने के साथ नशे का आदि बनाया जाता था। एक पूरा गैंग है जो मानव तस्करी और देह व्यापार में लड़कियों से जबरन काम कराता है।'

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