
प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को 9 माह से पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है। पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ लगाई गई एक दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल-16 को 'मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) अधिनियम 2002' खारिज कर दिया है। इसके बाद से प्रदेश में पदोन्न्ति पर रोक लग गई। इतना ही नहीं, पिछले 9 माह में 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी बगैर पदोन्नति पाए रिटायर हो गए।
सरकार ने फिर मांगा था समय
मामले की सुनवाई पहले 24 जनवरी को होना थी, लेकिन दूसरे प्रकरण पर सुनवाई चलने के कारण इस मामले को 25 जनवरी को सुना गया। तब अजाक्स के कहने पर सरकार की ओर से खड़े हुए वकील हरीश साल्वे कोर्ट में नहीं पहुंचे। उनके साथी वकीलों ने कोर्ट को बताया था कि वे ट्रैफिक में फंस गए थे। बाद में इन वकीलों ने 25 मार्च के बाद सुनवाई करने की गुहार लगाई। उनका कहना था कि वकील साल्वे विदेश जा रहे हैं, इसलिए सुनवाई के लिए समय दिया जाए। उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर को भी सुनवाई नहीं हो पाई थी। तब कोर्ट ने 24 जनवरी से नियमित सुनवाई करने को कहा था।