भोपाल के पूरे गांव में अहिरवार समाज का बहिष्कार कर दिया

भोपाल।
भोपाल जिले में आने वाले एक गांव नायसमंद में पूरे गांव ने अहिरवार समाज का बहिष्कार कर दिया। विवाद की जड़ है, 1 साल पहले सीएम हेल्पलाइन में की गई एक शिकायत। अहिरवार समाज के 5 लोगों ने सेन समाज के खिलाफ शिकायत की थी कि, जातिवाद के कारण सेन समाज, उनकी कटिंग और शेविंग नहीं करता। शिकायत के 1 साल बाद पुलिस ने कार्रवाई की। इससे गुस्साए पूरे गांव में अहिरवार समाज का बहिष्कार कर दिया। मंगलवार को कलेक्टर निशांत वरवड़े से अहिरवार समाज के लोगों ने फिर शिकायत की। इससे  गांव में तनाव इतना बढ़ गया कि रात में पुलिस तैनात की गई है। 

मामला जातिवाद का है या जबरन जातिवादी रंग दिया जा रहा है, इसका खुलासा तो नहीं हुआ परंतु कहानी 1 साल पहले शुरू हुई थी। सीएम हेल्पलाइन में गुलाब सिंह अहिरवार ने 10 दिसंबर 2015 छुआछूत की शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि सेन समाज अहिरवार जाति के पुरुषों के दाढ़ी-बाल नहीं काटते हैं। इसी शिकायत पर एक साल बाद 3 नवंबर को नजीराबाद थाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। अजाक्स डीएसपी दिनेश जोशी के निर्देश पर पुलिस ने गांव के एक स्थानीय नाई से पांचों लोगों की शेविंग-कटिंग करा दी।

इस घटना से नाराज गांव के पूरे सेन समाज ने अहिरवार समुदाय के लोगों की हजामत बंद कर दी। उन्हें दूसरी जातियों का भी समर्थन मिल गया। होटल और दुकानदारों ने अहिरवार लोगों का चाय-नाश्ता देना बंद कर दिया है।

दबंगों ने चस्पा किया भड़काऊ पर्चा
तोरण सिंह अहिरवार ने बताया कि कुछ दबंगों ने कथित पंचनामा बनाकर गांव में चस्पा करा दिया है। इसमें लिखा है कि अहिरवार समाज के लोग दाढ़ी-कटिंग बनवाने आएं तो उन्हें जान से मार दें। किसान अपने खेतों के बीच के रास्तों से उन्हें निकलने दें। कोई शिकायत करे तो उसका घर जला दिया जाए।

पुलिस में बयान के बाद मिली धमकी
अजाक्स प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तोरन सिंह अहिरवार ने बताया कि पुलिस में बयान देने वाले गुलाब सिंह, संतोष, नर्बदा प्रसाद, राजू, लाल सिंह अहिरवार को गांव के दबंग जंगबहादुर सोलंकी और प्राण सोलंकी ने जान से मारने की धमकी दी है।

आरोपियों के बयान नहीं लिए गए
इस मामले में अभी तक आरोपी पक्ष की सुनवाई नहीं हुई है। यही कारण है कि अभी दूसरा पक्ष सामने नहीं आया है और यह कह पाना मुश्किल है कि मामला जातिवाद का है या इसे जातिवाद का रंग दे दिया गया है।  ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

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