सतना। यहां एक रेप पीड़िता एवं उसके परिवार का सामाजिक एवं सरकारी बहिष्कार कर दिया गया। गांववालों ने तो इस परिवार से रिश्ता तोड़ ही लिया। सरकारी कर्मचारियों ने भी इस परिवार की मदद करना बंद कर दिया। अब इस आदिवासी परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि रेप पीड़िता के प्रसव में भी आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने कोई मदद नहीं की। प्रसव घर में ही कराना पड़ा।
ये है पूरा मामला :
सतना जिले के रामपुर थाना अंतर्गत एक गांव का ये परिवार अपनी बेगुनाही पर इंसाफ मांग रहा है। इस परिवार ने शादीशुदा व्यक्ति सतेंद्र पर नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार का आरोप लगाया है। आरोपी ने मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी थी। डरी सहमी नाबालिग ने स्कूल जाना छोड़ दिया लेकिन परिवार को कुछ नहीं बताया। वहीं कुछ माह बाद इस राज से पर्दा उठ गया। नाबालिक लड़की गर्भ से थी। बात सामने आने पर पीड़ित परिवार ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मां बनी फिर...
वहीं 1 सितम्बर को नाबालिक को प्रसव पीड़ा हुई। इस वक्त किसी भी ग्रामीण ने परिवार की मदद नहीं की। और तो और गांव की आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी पुलिस केस बताकर मदद को तैयार नहीं हुए। नतीजन पीड़िता का प्रसव घर में ही हुआ। जिसके बाद गांव वालों ने परिवार का बहिष्कार कर दिया। पीड़ित परिवार की कोई मदद नहीं कर रहा और न ही उन्हें सरकारी योजना का भी कोई लाभ मिल रहा है।