सीईओ की तानाशाही से तंग जनशिक्षक ने सुसाइड कर लिया

अजित पाल यादव। अभी दुखद खबर मिली की बड़वानी में पदस्थ जन शिक्षक श्री प्रकाश चौहान ने जिला पंचायत सीईओ के द्वारा भरी मीटिंग में प्रताड़ित करने और जांच खड़ी करते हुए बर्खास्त करने की धमकी दी गई। जिससे मानसिक संताप और बेइज्जती के कारण चौहान द्वारा आत्महत्या कर ली गई।

घटना की जानकारी लेने पर पता चला की एक गांव की शाला में मध्याह्न भोजन वितरण नहीं हो रहा था और जैसा की अधिकतर जगह होता है की हर सरकारी योजना को गांव के दबंग टाइप के लोग ही अधिग्रहीत करके रखते हैं। जिनके खिलाफ अमूमन मास्टर जैसा तुच्छ प्राणी तो आवाज़ उठाने की हिमाकत तो कर ही नहीं सकता और अगर कोई उठा भी देगा तो उसका जीना मुहाल कर दिया जाता है। 

पंचायत विभाग कितना इमानदारी से योजनाओं पर अमल करता है ये जगजाहिर बात है। पर दादागिरी करने के लिए मास्टर जरूरी है। अगर उस सीईओ को सही कार्यवाही ही करना होती तो वो जांच करके उस मध्याह्न भोजन के समूह वालों को जेल भिजवा देता, पर ऐसा करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। तो भरी मीटिंग में जन शिक्षक पर दबंगता दिखा दी।

लानत और धिक्कार है ऐसे पोंगा और बेवकूफ अधिकारियों पर जो बिना सत्यता जाने जबान चला देते हैं। और पद का दुरुपयोग करते हैं। इस पूरे मामले की जांच होना चाहिए और दोषी को दंड मिलना चाहिए। ईश्वर स्व प्रकाश चौहान की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को दुखद घड़ी में संबल प्रदान करे। 
श्री अजित पाल यादव अध्यापक संघर्ष समिति के सदस्य हैं। 

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