
राज्यसभा सदस्य डॉ. ईएम सुदर्शन नचियप्पन की अगुवाई में 31 सांसदों की कमेटी शुक्रवार को भोपाल में थी। प्रदेश सरकार के अलावा राज्य लोक सेवा आयोग, प्रशासन अकादमी और आईआईएम इंदौर के प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए समिति की बैठक होटल जहांनुमा में सुबह 11 बजे आयोजित की गई।
कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी मसलों पर चर्चा के दौरान जब सलाहकार और विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर एमपीपीएससी के चेयरमैन डॉ. विपिन ब्यौहार का नाम बुलाया गया तो उनकी जगह सचिव मनोहर दुबे जवाब देने के लिए खड़े हुए। दुबे ने ब्यौहार की गैरमौजूदगी की वजह बताते हुए जवाब देना शुरू ही किया था कि समिति ने उन्हें रोक दिया और फिर से पूछा कि आपने ब्यौहार की गैरमौजूदगी की वजह क्या बताई? तो दुबे ने बताया कि डॉ. ब्यौहार बैठक के लिए यहां आए थे, लेकिन प्रोटोकॉल के मुताबिक किसी ने उन्हें रिसीव नहीं किया, तो वे नाराज होकर लौट गए।
इतना सुनते ही समिति के सदस्य सांसद ज्वाइस जॉर्ज भड़क गए, बोले-ये क्या बात हुई, हम देशभर में जा रहे हैं और उन्हें यहां बैठक में आने के लिए भी प्रोटोकॉल की जरूरत है। अब क्या एमपीपीएससी के चेयरमैन डॉ. विपिन ब्यौहार को रिसीव करने हम जाएं? हमें उनका प्रोफाइल बताइए।
जॉर्ज ने यहां तक कहा कि क्या डॉ. ब्यौहार संसदीय समिति का महत्व नहीं समझते? समिति का रुख देख दुबे ने सफाई देते हुए जवाब देने की कोशिश की, लेकिन समिति ने उन्हें बैठ जाने को कह दिया। समिति के अध्यक्ष डॉ. नचियप्पन ने चेताया कि चेयरमैन डॉ. ब्यौहार दिल्ली पहुंचकर समिति से मुलाकात कर सफाई दें।
वार्ष्णेय ने मांगी माफी
डॉ. ब्यौहार की गैरमौजूदगी पर समिति की नाराजगी देख सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. मुक्तेश वार्ष्णेय ने मप्र सरकार की ओर से समिति से माफी मांगी। साथ ही कहा कि पूरे मामले की जानकारी डॉ. ब्यौहार को दी जाएगी।