छत्तीसगढ़ की कॉलेज गर्ल ने यूपी में तिजोरी तोड़कर 25 लाख रुपए चुराए

लखनऊ। एमबीए में पढ़ रहीं उच्चशिक्षित छात्राओं ने अपने मकान मालिक की तिजोरी तोड़कर 25 लाख रुपए चुरा लिए। दोनों ने ब्वाए फ्रेंड बीडीएस छात्र श्रीधर चटर्जी व एमबीए छात्र शान्तनु की मदद से तिजोरी काटी। उसमें रखे 24 लाख और आलमारी से मिले एक लाख रुपए लेकर बंटवारा कर लिया। फिर तीन दिन में पानी की तरह रुपए खर्च किए। यह खुलासा विभूतिखण्ड पुलिस ने दोनों छात्राओं व एक बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार कर किया। दूसरा फ्रेंड अभी फरार है।

सवा लाख की बाइक और मैस्ट्रो खरीदी
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि छात्राओं और उनके बॉयफ्रेंड ने रकम का बराबर बंटवारा किया। इसके बाद श्रीधर ने पल्सर और शान्तनु ने सवा लाख रुपए की सुजुकी बाइक खरीद ली। दोनों छात्राओं ने मैस्ट्रो गाड़ी व एप्पल फोन खरीदा। छात्राओं को घर से मिलने वाला जेब खर्च कम पड़ जाता था। उनके खर्चे काफी बढ़ गए थे। इस कारण ही इन लोगों ने चोरी की।

माडलिंग के लिए मुम्बई की सैर भी की
छत्तीसगढ़ से लखनऊ में पढ़ाई करने आई छात्रा ने तो माडलिंग के लिए मुम्बई की सैर कर डाली। वह हवाई जहाज से मुम्बई गई और 24 घंटे में ही एक लाख रुपए से अधिक की रकम उड़ा दी। इन सबने ब्राण्डेड कपड़े भी खरीदे।

एक छात्रा छत्तीसगढ़ तो दूसरी हरदोई की
एसओ सत्येन्द्र राय के मुताबिक रमेश ने बताया कि वह तीसरी मंजिल पर परिवार के साथ रहते हैं। इस समय उनकी पोस्टिंग बिहार में थी। वह कुछ दिन पहले परिवार के साथ गए थे। 10 महीने पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ की छात्रा को किराए पर फर्स्ट फ्लोर दिया था, जिसमें छह महीने पहले हरदोई की छात्रा भी रहने आ गई थी। उनके घर की एक चाभी ग्राउण्ड फ्लोर पर रहने वाली बुजुर्ग महिला के पास रहती थी। रमेश ने पुलिस को बताया कि उनके ससुर सुखेन कुमार व एक परिचित सिपाही उनके नहीं रहने पर बीच-बीच में मकान देखने जाते थे। ये लोग 20 जून को कमरे पर गए तो आलमारी का लॉक उखड़ा मिला। इस पर उन्होंने सूचना दी थी।

10 महीने पहले किराए पर दिया था मकान
एसओ सत्येन्द्र राय के मुताबिक तीसरे माले पर रहने वाले रमेश परिवार के साथ कुछ दिन पहले बाहर गए थे। उनकी पोस्टिंग बिहार में है। 10 महीने पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ की छात्रा को किराए पर फर्स्ट फ्लोर दिया था जिसमें छह महीने पहले हरदोई की छात्रा भी रहने आ गई थी। उनके घर की एक चाभी नीचे रहने वाली बुजुर्ग महिला के पास रहती थी। रमेश ने पुलिस को बताया कि उनके ससुर सुखेन व एक परिचित सिपाही बीच-बीच में मकान देखने जाते थे। ये 20 जून को कमरे गए तो आलमारी का लॉक उखड़ा मिला था।

पहले एक लाख रुपए चोरी किए
एसएसआई अभिषेक तिवारी ने बताया कि हरदोई से आई छात्रा मास्टरमाइन्ड थी। उसने डुप्लीकेट चाभी बनने के बाद आलमारी का लॉक तोड़ा। उसमें एक लाख रुपए मिले। जब ये रुपए खर्च हो गए तो ये लोग आलमारी में रखी तिजोरी कमरे में उठा लाई थी। इसमें 24 लाख रुपए व चांदी के सिक्के मिले। अलीगंज के श्रीधर व बलरामपुर के शान्तनु के साथ रकम बांटी, फिर दोनों ने अपने हिस्से की काफी रकम शान्तनु व श्रीधर के पास ही रखवा दी थी।

तिजोरी नदी में फेंकी
शान्तनु ने किराए पर कार ली। फिर गोरखपुर जाकर राप्ती नदी में तिजोरी फेंक दी। वहीं एक छात्रा ने अपने हिस्से में आए चांदी के बर्तन कठौता झील में फेंक दिए।

16 लाख 73 हजार रुपए बरामद
एसएसआई अभिषेक तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार तीनों लोगों के पास से 16 लाख 73 हजार रुपए, जेवर, कपड़े व दो बाइक और दो मैस्ट्रो गाड़ी बरामद हुई है।

25 हजार रुपए महीना मिलता था छात्रा को 
श्रीधर के पिता केकेसी में लेक्चरर थे। कुछ साल पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। जब बेटे की करतूत बताई तो उनका सिर नीचा हो गया। एक छात्रा की बहन तो थाने में मकान मालिक के सामने रोने लगी कि 30 लाख रुपए ले लो पर बहन को छुड़ा दीजिए। इस छात्रा के पिता का देहान्त हो चुका है। उसका भाई पढ़ाई के लिए हर महीने सात हजार रुपए भेजता था। वहीं छत्तीसगढ़ की छात्रा के पिता 25 हजार रुपए हर महीने खर्च बेचते थे। वह एक निजी कम्पनी में एकाउन्टेट हैं।

बीबीडी से पढ़ाई के बाद लविवि में लिया दाखिला
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि दोनों छात्राओं ने बाबू बनारसी दास कालेज (बीबीडी) से एमबीए किया था। एक छात्रा ने इसी साल लविवि में एमबीए करने के लिए दाखिला लिया था। जबकि दूसरी छात्रा का एडमिशन अभी एक कालेज में हुआ है, पर फीस नहीं जमा हुई है। वहीं श्रीधर चटर्जी बीबीडी में बीडीएस तृतीय वर्ष का छात्र है जबकि शान्तनु सेठ विशम्भरनाथ से एमबीए कर रहा है।

दुकान बेचने पर मिले थे 25 लाख 
पीडि़त रमेश ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले गोमती नगर में अपनी एक दुकान 25 लाख रुपए में बेची थी। रमेश की पत्नी ने उन्हें इतनी बड़ी रकम तिजोरी में रखने पर टोका भी था और बाहर जाने पर बैंक में जमा करने का दबाव भी बनाया था। पर, उन्होंने यह कहकर टाल दिया था कि गोदरेज के मजबूत लॉक में रकम रखी है। लौटते ही इस रकम को किसी दूसरी जगह काम में लगा देंगे। इसलिए बैंक में जमा करने का कोई मतलब नहीं है।

इस तरह कड़ी जुड़ती गई और खुलासा हो गया
जब पुलिस को दो दिन बाद पता चला कि कमांडेंट के घर की तिजोरी से 25 लाख रुपए गए हैं तो एसओ सत्येन्द्र के साथ ही एसएसआई अभिषेक, एसआई सुजीत उपाध्याय, विनय सिंह, विजय सिंह ने पड़ताल शुरू की। निरीक्षण में सामने आया कि दरवाजे के ताले से छेड़छाड़ की गई है। इन लोगों ने चुपचाप डुप्लीकेट चाभी बनाने वालों का ब्योरा तैयार किया। पत्रकारपुरम में डुप्लीकेट चाभी बनाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि चार दिन पहले एक लड़की आई थी। पर, उसका नाम रजिस्टर में सौम्या त्रिपाठी लिखा था। उसने पता और मोबाइल नम्बर गलत लिखाया था। लिहाजा पुलिस का शक उस पर नहीं गया। पुलिस का इस बात पर शक पुख्ता हो चुका था कि इस घटना में कोई परिचित ही है। इस दौरान उनकी नजर दोनों छात्राओं की मैस्ट्रो गाड़ी पर पड़ी। दोनों गाडि़यां चोरी के बाद एक ही दिन खरीदी गई थी। पुलिस ने नजर रखनी शुरू की तो उनके ब्वाएंफ्रेंड की नई गाड़ी भी दिखी। यह गाड़ी और मैस्ट्रो के खरीदने का दिन भी वही निकला। इसके बाद ही इन लोगों पर शक पुख्ता हो गया। चाभी बनाने वाले ने भी पहचान की।

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