भोपाल। शिक्षा के बढ़ते निजीकरण और आम आदमी की पहुंच से हायर एजुकेशन के दूर होने से संघ चितिंत है। उसने केन्द्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वह शिक्षा के निजीकरण पर लगाम लगाए। इसके साथ ही उसने शिक्षा का बजट बढ़ाने की भी पैरवी की है ताकि कम खर्च पर लोगों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
संघ की हाल ही में हुई केंद्रीय समन्वय समिति की बैठक में जो प्रस्ताव पारित किया गया था उसमें शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के महंगे होने पर चिंता जताई गई है। अब संघ ने इस संबंध में केन्द्र सरकार और भाजपा शासित सरकारों को भी पत्र लिखा है। पत्र में समन्वय समिति की बैठक में इस बात पर जताई गई चिंता से भी अवगत कराया गया है। संघ का मानना है कि निजीकरण के बाद शिक्षा महंगी हुई है। इसके साथ दी देश में शिक्षा का बजट भी कम मिल रहा है। निजी संस्थाओं का व्यवसायीकरण की दृष्टि से इस क्षेत्र में आना चिंता का विषय है। संघ चाहता है कि सरकारें निजी स्कूल संचालकों द्वारा चलाई जा रही मोनोपाली खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।