भोपाल में सारंग और गौर घरानों के बीच संघर्ष

भोपाल। भोपाल की राजनीति में सारंग एवं गौर घरानों का अहम रोल होता है। कैलाश नारायण सारंग और बाबूलाल गौर ने भोपाल की सरजमीं पर कई कीर्तिमान जड़े। यहां भाजपा को मजबूत करने में भी इन दो घरानों का बड़ा योगदान है परंतु अब कैलाश के चिरंजीव विश्वास सारंग और बाबूलाल गौर के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। यह विवाद गोविंदपुरा विधानसभा सीट को लेकर शुरू हुई है। गौर पिछले 40 साल से यहां के विधायक हैं एवं चाहते हैं कि उनके बाद उनकी बहू कृष्णा गौर को यहां से टिकट मिले लेकिन विश्वास सारंग अपनी नरेला विधानसभा छोड़कर गोविंदपुरा आना चाहते हैं, क्योंकि गोविंदपुरा ज्यादा सुरक्षित है। 

पिछले दिनों महिला कार्यकर्ता से अश्लील हरकत वाले मामले में गौर समर्थकों का दावा है कि विश्वास सारंग ने इस मामले को तूल दिया गृहमंत्री का मानना है कि गैर मुद्दे को मुद्दा बनाने में विधायक विश्वास सारंग ने पर्दे के पीछे रहकर एक अहम रोल अदा किया है। गौर का यह भी मानना है कि विधायक सारंग के साथ उनके दूसरे राजनैतिक प्रतिद्वंदियों ने भी सारंग का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में गौर को बदनाम करने में मदद की है। 

गौर समर्थक यह भी मानते हैं कि विधायक विश्वास सारंग का यह कथित वार गौर पर बहुत भारी पड़ा है, मगर गौर समर्थक साथ ही साथ यह भी दावा करते हैं कि विश्वास सारंग गौर को कोई भी राजनैतिक नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। 

ये है टंटे की जड़ 
अपने राजनैतिक जीवन के आखिरी पड़ाव में पहुंच चुके गौर पिछले चालीस सालों से ज्यादा समय से गोविंदपुरा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बाबूलाल गौर चाहते हैं कि उनके बाद उनकी बहु और भोपाल की पूर्व महापौर कृष्णा गौर इस सीट का प्रतिनिधित्व करें। 

बाबूलाल गौर कई बार अनाधिकृत रूप से कह चुके हैं कि नरेला विधानसभा में सारंग के बढ़ते विरोध की वजह से सारंग प्रदेश की सबसे सुरक्षित विधानसभा सीट गोविंदपुरा से अगला चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसी वजह से गौर विधायक विश्वास सारंग को अपनी बहु कृष्णा गौर का गोविंदपुरा विधानसभा सीट से सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी मानते हैं। बाबूलाल गौर और विधायक विश्वास सारंग सार्वजनिक रूप से एक दूसरे पर राजनैतिक वार करते रहते हैं। 

राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा ली गई गृह विभाग की समीक्षा बैठक में विधायक विश्वास सारंग पर अपने विधानसभा क्षेत्र में सट्टा खिलवाने के आरोप लगाकर सारंग को राजनैतिक रूप में बदनाम करने की कोशिश की थी। महिला से अश्लील हरकत को हवा देकर सारंग ने बदला ले लिया है। 

पिछले दिनों विश्वास सारंग द्वारा लिंक रोड पर स्थित अपने रिहायशी प्लाट पर बनी बिल्डिंग जिसमें सारंग का दफ्तर था पर एक कार कम्पनी के शोरूम खोलने की कोशिश पर मीडिया में हल्ला मचने पर रुकवा देने को भी कई लोगों ने इसके पीछे गृहमंत्री के समर्थकों का हाथ बताया था। इसी तरह विधानसभा में कृष्णा गौर के महापौर कार्यकाल के समय विधायक विश्वास सारंग द्वारा भोपाल नगर निगम से संबंधित सवालों को भी कृष्णा गौर को परेशान करने के रूप में देखा जाता रहा है। 

कुल मिलाकर भोपाल में एक पॉलिटिकल गैंगवार शुरू हो गई है। एक दूसरे पर छोटे छोटे हमलों से शुरू हुआ यह संघर्ष अब बड़े मामलों तक पहुंच गया है। सारंग का हमला इस गैंगवार का अंत नहीं है, बल्कि अब खुलकर आमने सामने के संघर्ष की शुरूआत है। देखते हैं भोपाल के ये दो राजनैतिक घराने एक इलाके पर कब्जे के लिए क्या क्या करते हैं। 

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