
इस कथित हेराफेरी किये जाने की शिकायत कलेक्टर श्री भरत यादव को किये जाने पर उन्होने इस मामले की जांच बालाघाट के तहसीलदार एस आर वर्मा से करवाई। जांच के दौरान सहकारी केन्द्रीय बैंक लामता के अंतर्गत आने वाले सेवा सहकारी समिति चरेगांव में 17 नवंबर 2015 से 25 जनवरी 2016 तक समर्थन मूल्य पर खरीदी हुई। इस दौरान समिति कर्मचारियो ने नियमों को दरकिनार करते हुये सांठगांठ कर अलग अलग तिथियों में मृतकों के नाम से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी किया जाना पाया गया। जिसके कारण शासन को लाखों रूपये की आर्थिक छति हुई। समिति द्वारा जिन मृतकों के नाम से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की गई है उनके मृत्यु प्रमाण पत्र भी पंचायत द्वारा जारी किये गये है।
जांच के दौरान ग्राम चंरेगांव निवासी प्रभावती पति देवीप्रसाद की मृत्यु 11 जून 2005 को हो चूकि है लेकिन इनके नाम पर सेवा सहकारी समिति चरेगांव में 19 दिसबर 2015 को धान की खरीदी दर्शाई गई है। इसी तरह क्षेत्र के सेरवी गांव निवासी जसनबाई पति अमीलाल की मृत्यु 7/12/2005 हो चुकि है लेकिन इनके नाम से 16/1/2016 को 188 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। जिस राशि का भुगतान भी जसुनवाई के खाते में किया गया है, हिरनबाई के नाम से 22 जनवरी 2016 को 12 क्विंटल धान की खरीदी की गई है उसकी भी पूर्व में मृत्यु हो चूकि है सेवरी निवासी फूरमाबाई की मृत्यु हो चूकि है इनके नाम से भी 19/12/2015 को 78 क्विटल धान खरीदी गई।
तहसीलदार द्वारा चरेगांव सोसायटी पहुचकर मृृतकों के परिजन सोसायटी के अध्यक्ष और संस्था के लिपिक के बयान दर्ज किये गये है। जांच के दौरान समिति के द्वारा मृतकों के नाम धान खरीदी किया जाना पाया गया। तहसीलदार द्वारा जांच रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की गई जिसके आधार पर कलेक्टर श्री भरत यादव ने कल इस मामले में दोषी व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज कराये जाने के आदेश दिये है।