
इस संबंध में प्रकाशित हुई खबरों के असर के चलते नागरिक आपूर्ति निगम के भोपाल स्थिति कार्यालय से महाप्रबंधक श्रीमती ओगरे ने कल बालाघाट जिला मुख्यालय के विभिन्न गोदामों में सग्रहित चावल स्टाक का निरिक्षण किया जिसमें गोगलई और नवेगांव स्थित भारतीय खादय निगम के गोदामो में भण्डारित किये गये अमानक स्तर के चावल का स्टाक पाया वहीं कोसमी स्थित भारतीय खादय निगम के गोदाम का जायजा लिया जहां भण्डारित किये गये अमानक स्तर का चावल स्टाक देखा।
इस गोदाम में रखे घटिया चांवल को अन्यत्र बाहर भेजने की कवायद की जा रही है इस चावल को बालाघाट जिले के बाहर भेजने की तैयारी चल रही है ताकि मामला उजागर ना हो। इस प्रकार अमानक चावल खरीदी करने वाले निगम के अधिकारी एवं प्रदायकर्ता राईस मिलर्स के विरूद्ध कोई कार्यवाही ना किया जाना इस बात का सबूत है कि इस मामले में नीचे से लेकर उपर तक का अमला संलिप्त है एवं मंत्री आला अफसरों को चढोत्री के माध्यम से करोडों रूपये पहुचाकर घटिया चांवल की बैखोफ खरीदी की जा रही है और राईस मिलर्स को खुला फायदा पहुचाया जा रहा है।
जांच के नाम पर आई महिला अधिकारी के निरीक्षण को रूटिन निरीक्षण बताया जा रहा है वहीं राईस मिलर्स दबी जबान से यह भी कह रहे है कि निरीक्षण की आड में चढौत्री की उघाई की जाती है और जांच के नाम पर मामला दबा दिया जाता है।
इस संबध में कलेक्टर बालाघाट लिखित षिकायत की जा चूकि है लेकिन अबतक कोई कार्यवाही ना होने से संषय प्रतीत होता है की मामले की लीपापोती कर इतीश्री कर दी जायेगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि जिन राईस मिलर्स ने घटिया चांवल विदिशा भेजा था उन्हें ब्लेक लिस्टेट किया जाकर उनसे खरीदी नही की जानी थी लेकिन इस बार फिर उन्हें कस्टम मिलिंग के लिये अनुबधित कर दिया गया है इन विसगतियों के चलते ही घटिया चावल की खरीदी का खुला खेल चलाया जा रहा है।