सीएम ने विधानसभा में दी थी झूठी जानकारी

भोपाल। मप्र की विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक झूठी जानकारी दी थी। इसका खुलासा कांग्रेस ने नहीं बल्कि शिवराज सरकार के ही केबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने किया है। इस संदर्भ में उन्होंने एक चिट्ठी लिखी थी जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। 

मामला जुलाई 2015 का है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सवाल किया था कि क्या इंदौर नगर निगम की सीमा के करीब स्थित गांव से आश्रय शुल्क वसूल कर डूडा के कार्यालय में जमा किया गया है। इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री चौहान ने बताया था कि आश्रय शुल्क के तौर पर 57 करोड़ 47 लाख से ज्यादा की राशि वसूल कर डूडा कार्यालय में जमा की गई है। 

मुख्यमंत्री द्वारा आश्रय शुल्क को लेकर विधानसभा में दिए गए जवाब पर पंचायत मंत्री भार्गव ने एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में कहा गया है कि शहरी इलाके के करीब स्थित गांव के लिए कॉलोनाइजर नियमों में आश्रय शुल्क वसूलने का प्रावधान नहीं था, हां इन कॉलोनी में 15 प्रतिशत स्थान कमजोर वर्ग के लोगों को आवंटित करने का प्रावधान था। संबधित अधिकारियों ने भूखंड आरक्षित करने के स्थान पर आश्रय शुल्क की राशि वसूल की है। 

मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि नगरीय निकाय को यह राशि वसूलने का अधिकार नहीं था, वहीं राशि को बैंक में जमा करने में दूसरी गंभीर अनियमितता की गई हैं। इतना ही नहीं नगरीय प्रशासन द्वारा इस राशि का उपयेाग किया जाना भी विधि अनुरूप नहीं है। 
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