नारा नहीं लगाउंगा तो क्या देशभक्त नहीं कहलाउंगा

आजकल हमारी देशभक्ति और देशप्रेम तो कुछ नारों में ही सिमट कर रह गया  है. पर क्या देशभक्ति का मतलब सिर्फ "भारत माता की जय " और वन्दे मातरम् ही है ? नहीं, बिल्कुल नहीं.

देशभक्ति तो मातृभूमि के प्रति सम्मान, स्वाभिमान और वफ़ादारी की निरंतर रहने वाली भावना है. जो सिर्फ हमारी बातों और विचारों से ही नहीं छलकती बल्कि हमारे कार्यों और रुचियों से भी छलकनी चाहिए. लेकिन आजकल राष्ट्रप्रेम एक क्षणिक आवेग बन गया है जो समय के साथ धुंधला जाता है. 

एक स्वस्थ, सुन्दर, संपन्न, विकसित, शिक्षित, खुशहाल, अपराध मुक्त, नैतिक मूल्यों से युक्त राष्ट्र के निर्माण में योगदान करके भी हम सच्चे अर्थों में देशभक्त कहला सकते हैं. 

अपने घर के साथ-साथ अपने मौहल्ले, शहर, देश, प्राकृतिक धरोहरों, पर्वत, नदियाँ, वन, झरने, तालाब सबसे प्यार करना और उन्हें स्वच्छ और सुन्दर बनाये रखना है देशभक्ति. आप जिस भी पेशे में हैं, ईमानदारी से उसे निभाना, निरंतर सुधार और बेहतरी की ओर बढ़ना है देशभक्ति . और यह देशभक्ति नही है तो प्राथना करते हुये देशभक्ति का  प्रमाण-पत्र मंगा है।

अजफर अली खान 
छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 
4/266 टूटी बाउंड्री जमालपुर अलीगढ़ 
मोबाईल नंबर 9219069832
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