M-shiksha Mitra App: अटेंडेंस लगाई 3 दिन, रिकार्ड हुई 2 दिन

Bhopal Samachar
जबलपुर। शिक्षकों की ई-अटेंडेंस लेने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग मोबाइल शिक्षा मित्र एप लांच किया है। 25 सितंबर से जिले के 7 हजार शिक्षकों को ई-अटेंडेंस देनी है, लेकिन ई-अटेंडेंस लग पाएगी या नहीं फिलहाल इसे अफसर भी तय नहीं कर पा रहे हैं। वजह शुरुआती ट्रायल में ही ई-अटेंडेंस के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां निकलना है। 

ई अटेंडेंस के लिए मोबाइल शिक्षा मित्र एप से ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) का लिंक होना जरूरी है, लेकिन लिंक नहीं हा पा रहा है। एप की ट्रेनिंग दे रहे नोडल अधिकारी खुद 3 दिन से ई-अटेंडेंस लगा रहे हैं, लेकिन एक दिन ही लगी। वहीं ई-अटेंडेंस में 2जी नेट पैक भी रोड़ा बन सकता है। अभी संकुल स्तर पर शिक्षकों को ई-अटेंडेंस की ट्रेनिंग भी नहीं दी जा सकी है।

ट्रायल में ये मिला फेलियर
शिक्षक मित्र एप से जबतक जीपीएस लिंक नहीं होगा शिक्षक की पोजीशन शो नहीं होगी। एप से जुड़ी ट्रेनिंग दे रहे नोडल अधिकारी तीन दिन से एप से अटेंडेंस लगा रहे हैं, लेकिन एक दिन ही लगी। ऐसे में एप को लेकर उन क्षेत्रों में ज्यादा परेशानी है जहां थ्रीजी नेट कनेक्टिविटी इंटरनेट की नहीं है। दरअसल टूजी नेट पैक यदि मोबाइल में यूज होगा तो उससे स्पीड कम होगी साथ ही दूर-दराज के स्कूलों में टॉवर कम होने से कनेक्टिविटी की समस्या आएगी। वहीं एजुकेशन पोर्टल में ई-अटेंडेंस लगाने की सुविधा का दावा किया जा रहा है, लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग के पोर्टल में यूजर आईडी जनरेट नहीं हुई है।

अटेंडेंस के तीन हाइटेक ऑप्शन
1.- मोबाइल शिक्षा मित्र एप के जरिए शिक्षक एंड्राइड फोन से अपनी अटेंडेंस लगा सकता है। एप जीपीएस से कनेक्ट होगा। इसमें शिक्षक की पोजीशन डिसप्ले होगी।
2. -एंड्राइड फोन नहीं है तो नॉन एंड्राइड या कीपेड वाले फोन से एसएमएस के जरिए भी अटेंडेंस लगेगी। स्कूल पहुंचकर एसएमएस करना होगा।
3. -फोन नहीं है तो एजुकेशन पोर्टल पर जाकर शिक्षक विभाग से मिले पर्सनल यूजर आईडी के जरिए अपनी अटेंडेंस भेज सकेंगे।

गड़बड़ी रोकने ये करेंगे
- रेंडम के तौर पर वास्तविकता जांचने के लिए शिक्षकों को फोन किया जाएगा। शिक्षक स्कूल में है या नहीं इसका पता लगाने बच्चों से भी बात करेंगे। ऐसे में पक्का होगा कि स्कूल से ही शिक्षक ने अटेडेंस लगाई।
- जीपीएस के जरिए पोजीशन जांची जाएगी। घर से अटेंडेंस लगाने वाले चिन्हित होंगे।

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मोबाइल शिक्षा मित्र एप को लेकर तैयारी है। संकुल स्तर पर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। अभी इसमें तकनीकी खामियां भी है जिसके कारण लगता नहीं कि इसे वक्त पर लागू किया जा सकता है।
सतीश अग्रवाल, 
डीईओ, शिक्षा विभाग

विभाग ने ई-अटेडेंस को लेकर काम किया है। करीब 7 हजार से ज्यादा शिक्षकों को इससे कनेक्ट किया जा रहा है।
मनीष वर्मा, 
संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय

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