नईदिल्ली। जहां एक ओर पीएम मोदी भोपाल में हिंदी का पाठ पढ़ा रहे हैं साथ ही खुद को अच्छी हिंदी आने के सीक्रेट के बारे में बता रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर राजस्थान के जैसलमेर जिले में तैनात होमगार्ड्स ने उन्हें नाम अपने खून से पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की।
दरअसल, जैसलमेर के जवानों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अपनी उन समस्याओं को व्यक्त किया जिससे उन्हें और उनके परिवार वालों को कठनाईयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अपनी समस्याओं से परेशान होकर उन्होंने खून से पत्र लिखने वाला रास्ता अपनाया। ताकि पीएम मोदी की आंखें खुलें और वे उनकी समस्याओं का समाधान करें।
खून के कतरे से लिखे पत्र में जवानों ने हड़ताल, चुनाव, आपातकालीन सेवा, बाढ़, भूकंप अन्य कानून व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए बताया कि होमगार्ड जवानों को शोषण किया जा रहा है। जवानों से साल भर में सिर्फ पांच महीने ही सेवाएं ली जाती हैं। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में जवानों ने बताया कि जवान हड़ताल, उत्पात और तोड़फोड़ नहीं करना चाहते क्योंकि इससे देश का अहित ही होगा। इस कारण उन्होंने नियमित करने या इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
जिले के होमगार्ड सहित आसपास के जिलों से आए होमगार्ड करीब 199 होमगार्ड्स ने अपने-अपने खून से प्रधानमंत्री को पत्र लिखे। अब देखना यह होगा कि आखिर उनके इस खत पर पीएम मोदी की क्या प्रतिक्रिया आती है। क्या वे उनकी समस्याएं सुलझाएंगे या फिर मजबूरी में होमगार्ड जवान स्वयं मौत की नींद सो जाएंगे।