मुंगावली। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 27 रिक्त पदों के विरुद्ध 28 नियुक्तियां की गई हैं, जबकि 32 आवेदकों ने इस भर्ती प्रक्रिया को गलत ठहराते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
सखीवाई पत्नी नर्मदा प्रसाद अहिरवार निवासी मढ़ी खुर्द ने मुख्यमंत्री के नाम आवेदन देकर आरोप लगाया है कि परियोजना अधिकारी दीपिका रावत महिला बाल विकास मुंगावली द्वारा प्रार्थीया के पति से पचास हजार रूपया की मांग की थी। प्रार्थीया के पति द्वारा मकान गिरवीं रखकर पैसे दिए है।
प्रार्थीया का कहना है कि उसके पति नर्बदा प्रसाद एवं अपने मित्र असलम खां के साथ परियोजना अधिकारी दीपिका रावत महिला बाल विकास मुंगावली के बंगले पर पहुंचे एवं दोस्त के सामने पचास हजार रूपये की रिश्वत नगद मैडम के हाथ में दी व मैडम ने कहा कि अब आपका काम पक्का हो गया निश्चिंत रहे परंतु उसके बाद भी नौकरी नहीं दी गई। बाद में एक लाख रूपया की मांग की गई परंतु प्रार्थीया गरीब परिवार की है इसलिए और पैसे नहीं दे सकी। जिस कारण उसकी नियुक्ति पात्र होते हुए भी नहीं की गई है।
प्रार्थीया का कहना है कि उसका नाम बीपीएल में है परंतु उसके 10 अंक उसको नहीं दिए गए है जबकि रानी बाई का नाम बीपीएल में नहीं है उसके बाद भी उसको अंक दिए गए हैं। वहीं प्रार्थीया ने शिक्षिका के पद पर भी कार्य किया था परंतु उसके भी उसको आधे यानि 4 अंक दिए गए हैं। जबकि 4 वर्ष के हिसाब से उसको 8 अंक दिए जाने थे। जिसको लेकर प्रार्थीया द्वारा शिकायत कर किसी विशेष एजेंसी से जांच अधिकारी से जांच करवाकर प्रार्थीया को नियमानुसार बीपीएल के 10 अंक एवं अनुभव के शेष 4 अंक इस प्रकार 14 अंक दिलवाकर चयन कर नियमों के विपरीत अन्य अभ्यर्थी रानीवाई पत्नी रघुराजयादव का चयन अनंतिम सूची से निरस्त करने व रिश्वत में दिया गया 50 हजार परियोेजना अधिकारी से मय ब्याज के वापस दिलवाये व परियोजना अधिकारी मुंगावली जिला अशोकनगर दीपिका रावत के विरूद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध करने की मांग की है।
इनकी भी सुनो
जो भी आरोप लग रहे है वह गलत है ऐसा कुछ नहीं है मैने अकेले नियुक्ति नहीं की है। नियुक्तियां समिति के माध्यम से हुई है।
दीपिका रावत परियोजना अधिकारी मुंगावली