नरसिंहपुर। बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत आशा-ऊषा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं ने नरसिंह भवन जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा एवं सिविल सर्जन ने अपनी बकाया प्रोत्साहिन राशि की मांग की तो सिविल सर्जन ने कहा कि 'आप तो कटोरा ले लो, उसमें ज्यादा फायदा है।'
कार्यकर्ताओं ने बताया कि वह न्यूनतम वेतन पर कार्य रहीं हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने 3-4 माह से प्रोत्साहन राशि न मिलने की शिकायत जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को सुनाई और आर्थिक परेशानी बताई तो वह कहने लगे कि आप लोग तो कटोरा ही ले लो उसमें ही ज्यादा फायदा है।
अधिकारी ने जिस तरह से बात की, उससे सभी कार्यकर्ता अपमानित महसूस कर रही हैं। कार्यकर्ताओं का कहना रहा कि ज्ञापन लेकर वह सीएमएचओ के पास पहुंचीं, लेकिन उन्होंने कह दिया कि कार्यालय में ज्ञापन दर्ज करा दो, जिससे उन्हें नृसिंह भवन तक ज्ञापन देने आना पड़ा।
बुधवार को आशा-ऊषा सहयोगिनी एकता यूनियन के बैनर तले करीब 25-30 आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र व्यापी हड़ताल के तहत कामकाज बंद करते हुए नृसिंह भवन जाकर ज्ञापन दिया। संघ की अध्यक्ष राधा राजपूत, ज्योति नामदेव, कल्पना, ममता चौधरी, शैली रैकवार, भागवती यादव, माया यादव, विनीता साहू, साजदा बानो, प्रमिता महार, क्रांति साहू, शैलजा यादव, सुनीता, जानकी तिवारी, गीता कोष्ठा, किरण मेहरा आदि ने 15 सूत्रीय मांगों पर स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री, मुख्यमंत्री, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र के नाम ज्ञापन अपर कलेक्टर को दिया।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारतीय श्रम सम्मेलन के निर्णय लागू कर उन्हें कर्मचारी का दर्जा न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिया जाए। कर्मचारियों को स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में नियमित करते हुए आशा को 15 हजार और सहयोगिनी को 20 हजार रु. न्यूनतम वेतन दिया जाए।
आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि 3-4 माह से प्रोत्साहिन राशि का भुगतान भी नहीं हुआ है, जिसकी मांग दो दिन पहले ही सिविल सर्जन से की गई थी, लेकिन उन्होंने समस्या सुनने के बाद निराकरण कराने की बात तो नहीं की, बल्कि यह कह दिया कि आप लोग तो कटोरा ले लो, उसमें ज्यादा फायदा है।