पढ़िए पुलिस थाने पर सेना के हमले का आखों देखा हाल

Bhopal Samachar
इंदौर। विजयनगर थाने पर हुआ सेना के जवानों का हमला यकायक नहीं था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मालूम था कि यह हमला होने वाला है। यहां तक कि उन्हें यह भी मालूम था कि सैनिक 100 से ज्यादा की संख्या में आ रहे हैं। बावजूद इसके उन्होंने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए, उल्टा रात्रिविश्राम के लिए चले गए।

इस हमले में फौजियों ने पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। संतरी से रायफल लूटी। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। करीब एक दर्जन पुलिसवाले घायल हुए जिसमें एक महिला अधिकारी समेत आधा दर्जन पुलिस अधिकारी शामिल हैं। बताया जाता है कि हमले के दौरान सुरक्षा की मांग करने पर 2 टीआई ने तंज तक कसे थे।

विवाद की शुरुआत बुधवार देर रात 12 बजे हुई थी। सीएसपी विपुल श्रीवास्तव और ऋत्विक नामक सैन्य अफसर के बीच हाथापाई हुई। सीएसपी का कहना है कि उन्होंने हाथ उठाया था, जबकि हमलावरों का आरोप है कि अफसर की टांग तोड़ दी गई थी।

अलसुबह ट्रक, कार और बाइक से आक्रोशित फौजी शहर पहुंचे। करीब 4.40 बजे एक बड़े सैन्य अफसर ने सीएसपी को कॉल किया। उन्होंने बताया कि करीब 50 सैनिक गायब हैं। इंदौर के लिए रवाना होने की जानकारी मिली है। आप संभाल लेना। हम मिलिटरी पुलिस को भी रवाना कर रहे हैं। सीएसपी ने बड़े अफसरों को माजरा बताया।

उन्होंने कंट्रोल रूम कॉल किया और आईजी रिजर्व बल में तैनात 15 जवानों को थाने बुला लिया। सीएसपी ने कहा कि तुम लोगों को खड़ा रहना है। सैनिकों के पहुंचने पर वीडियो रिकॉर्डिंग करना शुरू कर देना। जवान थाने पहुंचे और सुस्ताने लगे। कुछ जवान टहलते हुए चौराहे पर पहुंच गए। कुछ ठेले पर चाय पीने लगे। तभी सौ से अधिक सैनिकों ने धावा बोला। परिसर में खड़ी आठ कारें फोड़ दीं।

टीआई बोले- आग थोड़ी लगा दी
एक एएसआई के मुताबिक हमले को भांपते हुए रात में कंट्रोल रूम पर बता दिया था। रात में लसूड़िया टीआई प्रदीप राणावत और एमआईजी टीआई एमए सैयद की गश्त थी। राणावत ने कहा कि सैनिक हैं। खड़े रहने दो। कुछ देर में चले जाएंगे। थोड़ी देर बाद सैयद पहुंचे। उन्होंने कहा- आप लोग बार-बार कंट्रोल रूम कॉल क्यों कर रहे हो। आग थोड़े ही लगी है।

महिला हूं, प्लीज मारपीट न करें
एसआई रश्मि पाटीदार के मुताबिक सैनिकों ने योजनाबद्ध तरीके से हमला किया। उन्होंने तीन टुकड़ियां तैयार की। एक ने बाइक खड़ीकर ट्रैफिक रोका। यहां खड़े जवान जितेंद्र, पवन पांडे, संदीप बड़ोत्या व मनीष को पीटा। कांस्टेबल श्याम पर कार चढ़ाने का प्रयास किया। सिपाहियों ने भागकर जान बचाई। एसआई पाटीदार के मुताबिक मैं रात्रि गश्त पर थी। थाने से मोबाइल लेकर रवाना हुई थी। अचानक सैनिकों ने चौराहे पर गाड़ी रोकी। कुछ लोगों ने हमला बोला। गाड़ी को फोड़ दिया। ड्राइवर पंकज की ओर लपके। पंकज जीप से उतरकर भाग गया। उन्होंने मेरी कॉलर पकड़ ली। हाथ पकड़ा। झूमाझटकी करने लगे। मैंने कहा- महिला अफसर हूं। प्लीज आप मारपीट न करें। एक सैनिक ने कहा- इसे जाने दो। मैं मालवीय नगर चौराहे की ओर भागकर छुप गई। तभी अचानक किसी सैनिक ने सीटी बजाई। संकेत मिलते ही हमलावर बाइक स्टार्ट कर भागने लगे।

ऐसे छुपे थे पुलिस अफसर
एएसआई जयप्रकाश चौबे ने सैनिकों को आते हुए देख लिया था। उन्होंने संतरी से कहा कि थाने का चैनल गेट लगा लो। हमला हो सकता है। संतरी समझ पाता इससे पहले उत्पात शुरू हो गया। हमलावर चौबे की ओर लपके। वे बचते हुए रेस्त्रां की तरफ भागे और दीवार की आड़ में छुप गए। घबराते हुए वे कंट्रोल रूम को कॉल भी करते रहे।

ये पुलिसकर्मी घायल
एसआई अतुलसिंह सोलंकी, एसआई रश्मि पाटीदार, एएसआई गोकुलदास वैष्णव, श्याम मालवीय, जितेंद्र मंडलोई, उत्तमसिंह, योगेंद्र जोशी, कैलाश मेढ़ा, हरिसिंह, धरमसिंह, रामनरेश विजय।
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