ग्वालियर। यहां एक महिला पुलिस कांस्टेबल ने सड़क पर तड़प रही कचरा बीनने वाली महिला का ना सिर्फ प्रसव कराया बल्कि नवजात शिशु को अपना दूध भी पिलाया। इस तरह उसने जच्चा एवं बच्चा दोनों के प्राणों की रक्षा की। महिला आरक्षक की चारों ओर प्रशंसा की जा रही है।
महाराज बाड़ा स्थित पुलिस चौकी के बाहर प्रसव पीड़ा से एक महिला तड़प रही थी, लेकिन वहां मौजूद पुरुष तमाशबीन बने हुए थे। महिलाएं भी आसपास से गुजर रही थीं, लेकिन किसी का हृदय नहीं पिघला कि इस पीड़ा को झेल रही महिला की मदद करें।
इस बीच कोतवाली में पदस्थ महिला प्रधान आरक्षक गुलाब मिंज वहां से गुजरीं। गुलाब ने जब देखा कि प्रसव पीड़ा से एक कचरा बीनने वाली महिला (पूजा) तड़प रही है तो उसे वह समय याद आया जो खुद की गोद सूनी होने पर उसने गुजारा था। गुलाब तुरंत चौकी में गईं, लेकिन यहां कोई नहीं था।
उन्होंने अपना दुपट्टा महिला के ऊपर डाला। फिर भी वहां लोग तमाशबीन बने हुए थे, कोई मदद नहीं कर रहा था। वह भागकर गईं और पास में बने हनुमान मंदिर के बाहर कुछ कपड़े पड़े हुए थे। उन्होंने कपड़े उठाए और महिला का शरीर ढंका। इसके बाद 108 एंबुलेंस को फोन लगाया।
इस बीच महिला को प्रसव पीड़ा तेज हो गई। गुलाब उसके पास बैठ गईं और वहीं पर डिलेवरी हो गई। डिलेवरी के तुरंत बाद ही एंबुलेंस पहुंच गई। महिला व बच्चे को एंबुलेंस से कमलाराजा हॉस्पिटल (केआरएच) ले जाया गया।
यहां लेबर रूम में जांच करने के बाद बच्चे को मां का दूध पिलाने के लिए स्टाफ ने कहा। प्रसूता काफी कमजोर थी। उसको दूध नहीं आ रहा था तो गुलाब ने खुद ही बच्चे को उठाया और अपना दूध पिलाया। इसके बाद दिनभर बच्चे की देखरेख की। दिन में भी दो बार बच्चे को गुलाब ने अपना दूध पिलाया।
गुलाब ने एक अनूठी मिशाल पेश कर यह बता दिया कि आज भी मानवता जीवित है। इतना ही नहीं गुलाब ने खाकी की छवि को भी आम जन के मन में सुधारा। आज खाकी के आंचल में एक जिंदगी ने जन्म लिया।