हाथी की नाक में दम कर देंगे हम: पंचायत प्रतिनिधियों की हुंकार

भोपाल। जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्षों को अधिकारों से वंचित कर रही सरकार में बैठे लोग अपने को हाथी और हमें चींटी समझते हैं, जबकि एक चींटी ही हाथी के नाक में दम कर देती है। सोशल साइट वॉट्सएप पर यह पोस्ट शहडोल जिला पंचायत की उपाध्यक्ष पूर्णिमा तिवारी ने की है।

पन्ना जिला पंचायत के उपाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने भी लिखा है कि पार्टी की राजनीति छोड़कर हमें पंचायत राज के लिए संघर्ष करना होगा। अन्यथा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनकर रह जाएंगे।

गुना जिला पंचायत के अध्यक्ष केपी बागड़ी ने अपनी पोस्ट में बात को आगे बढ़ाते हुए लिखा कि अभी मामला गरम है। हमें अभी ही कुछ न कुछ करना होगा। एक के बाद एक सोशल साइट पर यह मुहिम प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्षों ने छेड़ रखी है।

महापौर से ऊंचा दर्जा, राज्यमंत्री का रुतबा, तबादले के अधिकार और पंचायत कर्मियों की गोपनीय चरित्रावली लिखने की आजादी जैसी बड़ी मांगों को लेकर राज्य सरकार के विरोध में खड़े इन नेताओं ने वाट्सएप पर ‘मप्र जिला पंचायत’ नाम से ग्रुप बनाया है, जिसमें मुखर होकर वे अपनी राय दे रहे हैं।

कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि 2 सितंबर को भाजपा समर्थित अध्यक्ष-उपाध्यक्षों को सरकार कार्यशाला के नाम पर पचमढ़ी बुला रही है। यह भाजपा और कांग्रेस के नाम पर फूट डालने की रणनीति है। हमें पंचायत राज का झंडा उठाना है। रतलाम के उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ ने लिखा है कि भाजपा की कार्यशाला से पहले भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी मांगें रखी जा सकती हैं।

वॉट्स एप पर यह भी लिखा है कि 2 अक्टूबर को भोपाल में प्रस्तावित एक लाख लोगों के समागम की रणनीति अभी से तय की जाए। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व सदस्यों, पंचों और सरपंचों को भी बुलाया जाए।

पूर्णिमा तिवारी ने लिखा है कि विभागीय मंत्री को अफसर नचा रहे हैं। इसलिए अब सरकार की नाक में दम करने का वक्त आ गया है। वाट्सएप पर रामवीर सिंह यादव, दिलीप सिंह राजपूत, शंभू सिंह, ज्योति प्रकाश धुर्वे, अनिता जयप्रकाश किरार, रवि राज सिंह, राजू शिवहरे और शांति शरण गौतम ने भी तीखी राय पर अपनी सहमति दी।

रणनीति तय कर रहे हैं: धाकड़
वाट्स एप ग्रुप के एडमिन डीपी धाकड़ का कहना है कि इस ग्रुप से सभी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष जुड़े हैं। इससे सबकी राय पता लगती है। सभी लोग राज्य सरकार से की जा रही मांगों से सहमत हैं। आने वाले दिनों में आंदोलन के लिए जल्द ही नई रणनीति बनेगी।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!