जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने मप्र के खेल संघों में आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की बार बार हो रहीं नियुक्तियों पर सवाल उठाया है। इस सिलसिले में केन्द्र शासन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय और राज्य शासन खेल युवा कल्याण विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं। सभी को चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है।
बुधवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस सुशील कुमार गुप्ता की डिवीजन बेंच में प्रस्तुत जनहित याचिका की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता नागरिक कल्याण संरक्षण समिति जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. मुकेश जायसवाल की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि भारत सरकार के नियम और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व आदेश-निर्देश के तहत कोई भी आईएएस-आईपीएस या अन्य शासकीय अधिकारी किसी भी खेल संघ का अधिकतम एक बार निर्वाचित अध्यक्ष आदि बन सकता है। एक से अधिक बार या लगातार वह पदासीन नहीं रह सकता। इसके बावजूद मध्यप्रदेश के विभिन्न खेल संघों पर शासकीय अधिकारी अंगद की तरह पैर जमाए हुए हैं। इस तरह वे अपने पद का दुरुपयोग करने से पीछे नहीं हट रहे। इसके चलते खेल के वास्तविक जानकारों का नुकसान हो रहा है। खिलाड़ियों का भी उचित विकास खटाई में पड़ गया है।