इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि लड़कियों के स्कूल में पुरूष टीचर, प्रिंसिपल की भर्ती नहीं हो सकेगी। न्यायालय ने कहा है कि यूपी उच्च माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को यह अधिकार है कि वह नियम बनाकर इस प्रकार का प्रतिबंध लगा सके। बोर्ड ने नियम बनाकर लड़कियों के स्कूल में पुरूष टीचर को बतौर प्रिंसिपल नियुक्त न करने का निर्णय लिया था।
पुरूष अध्यापकों को प्रधानाचार्य बनने से लड़कियों के विद्यालयों में प्रतिबंधित करना लड़कियों की भलाई तथा उनके हित में लिया गया निर्णय है। यह निर्णय लड़कियों के संस्थानों के भी हित में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला डी.पी.गर्ल्स इंटर कॉलेज के सीनियर लेक्चरर मनमोहन मिश्रा की विशेष अपील को खारिज करते हुए दिया है। अपील करने वाले टीचर मनमोहन मिश्रा ने बोर्ड की ओर से निकाले गए विज्ञापन के आधार पर अपने ही कॉलेज में प्रिंसिपल पद के लिए आवेदन किया था।
लेकिन बोर्ड ने याचिका प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति का आवेदन यह कहकर खारिज कर दिया कि मेल टीचर को गर्ल्स कॉलेज में प्रिंसिपल पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। बोर्ड का कहना था कि इस प्रकार का प्रावधान बोर्ड की नियमावली 1998 के नियम 9 में उल्लिखित है। अध्यापक की इस याचिका को एकल जज ने भी यह कहते हुए खारिज कर दी कि बोर्ड का आदेश सही है। पुरूष अध्यापक लड़कियों के विद्यालय में प्रधानाचार्य नहीं हो सकता।