प्रधानमंत्री के सामने स्टाइलिश ड्रेस पहनने वाले कलेक्टरों को नोटिस

रायपुर। हफ्ते भर पहले छत्तीसगढ़ दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी की अगवानी करते वक्त सनग्लासेज लगाने पर बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया को राज्य सरकार की ओर से नोटिस भेजा गया है। दंतेवाड़ा के कलेक्टर केसी देवसेनापति को भी पीएम के स्वागत के दौरान मौके के हिसाब से पोशाक नहीं पहनने पर नोटिस भेजा गया है। दोनों कलेक्टरों को भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी दी है लेकिन एक्‍सपर्ट्स काला चश्‍मा पहनने के चलते नोटिस भेजे जाने पर हैरान हो रहे हैं।

पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रह्मण्यम ने कहा- रूल 318 में काले चश्मे का जिक्र नहीं
पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रह्मण्यम ने बस्तर के डीएम को मिले नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल्स 1968 के रूल 318 में यह कहा गया है कि सरकारी कार्यक्रम के दौरान अफसर उचित कपड़े पहनेगा। लेकिन उसमें काले चश्मे को लेकर कोई जिक्र नहीं है। हो सकता है कि नियम बदल गए हों, लेकिन मुझे इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती।

डीएम को नोटिस में कहा गया, आगे ऐसा न करें

बस्तर कलेक्टर को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, "आपके इस कृत्य के लिए राज्य शासन के द्वारा आपको सचेत किया जाता है कि इस प्रकार का कोई भी काम भविष्य में न करें जो अखिल भारतीय सेवा अधिकारी की गरिमा के मुताबिक न हो।"

सीएम ने कहा- प्रोटोकॉल समझाना होगा
छत्‍तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने शुक्रवार को कहा- 'नए कलेक्टरों को समझाना जरूरी है। पीएम दौरे पर प्रोटोकॉल का पालन तो करना ही चाहिए। जबकि, राज्य के पूर्व सीएम अजीत जोगी ने डीएम का बचाव किया है। लेकिन इस मुद्दे पर पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रह्मण्यम ने छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए डीएम का बचाव किया है।

काम महत्‍वपूर्ण होता है, ड्रेस नहीं: जोगी
डीएम को मिले नोटिस पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा, ‘वे अच्छे और नए अधिकारी हैं, उन्हें एक मौका और मिलना चाहि। एक आदमी का काम ही महत्वपूर्ण होता है। वो फील्ड ड्यूटी पर थे हो सकता है इसलिए उनकी ड्रेस कैजुअल रही हो।’

क्या है पूरा मामला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 मई को छत्तीसगढ़ दौरे पर आए थे। वह जगदलपुर और दंतेवाड़ा गए थे। इस दौरान नियमानुसार कटारिया और देवसेनापति ने जगदलपुर में पीएम की अगवानी की थी। अगवानी के समय कटारिया धूप का चश्मा लगाए हुए थे। कटारिया को भेजे गए नोटिस में सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि उनका यह कृत्य ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल्स 1968 के क्लॉज 3(1) के विपरीत है। इसी तरह दंतेवाड़ा कलेक्टर देवसेनापति को भी पीएम की अगवानी के दौरान रस्म के मुताबिक पोशाक नहीं पहनने को लेकर नोटिस भेजकर चेतावनी दी गई है।

रूल्स में ये हैं प्रावधान
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल्स 1968 के प्रावधानों के तहत अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए ड्रेस कोड तय किया गया है। इसके मुताबिक ट्रेनिंग के अलावा गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, राज्यपाल, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के आगमन सहित विभिन्न अवसरों पर कौन-सी पोशाक पहननी है, यह निर्धारित है।

कौन हैं अमित कटारिया
गुड़गांव (हरियाणा) के रहने वाले अमित कटारिया काफी अमीर परिवार से हैं। उन्‍होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रानिक्स में बीटेक किया है। बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें देश-विदेश से अच्‍छी नौकरियों के ऑफर मिले थे। पर वह आईएएस बनना चाहते थे। कटारिया के परिवार का दिल्ली और आसपास रियल एस्टेट का कारोबार है। उनके शॉपिंग मॉल और कई कांप्लेक्स भी बताए जाते हैं। अमित की पत्नी प्रोफेशनल पायलट हैं।

कटारिया ने रायगढ़ में बीजेपी नेता को कहा था गेट आउट
साल 2011 के जुलाई में कटारिया रायगढ़ के कलेक्टर थे। तब उन्‍होंने वरिष्ठ भाजपा नेता रोशनलाल अग्रवाल (जो अब विधायक बन चुके हैं) को उन्होंने अपने ऑफिस से डांटते हुए 'गेट आउट' कहकर भगा दिया था। रायगढ़ के जूट मिल क्षेत्र में गौरवपथ के निर्माण के दौरान अतिक्रमण हटाने में गरीब पीड़ितों का पक्ष रखने के लिए भाजपा नेता उनके चैंबर में गए थे।

मेयर से भिड़ गए थे
2009 में नगर निगम कमिश्नर रहते हुए अमित कटारिया शहर के मेयर व भाजपा नेता सुनील सोनी से भिड़ गए थे। निगम की ही एक बैठक में दोनों के बीच बहस हो गई थी।

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