व्यापमं घोटाला | STF जांच ऐजेन्सी है या सरकारी ऐजेंट: कांग्रेस

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आज एसआईटी प्रमुख चंद्रेश भूषण को लिखे अपने दस्तावेजी पत्र में कांग्रेस के उस आरोप को पुनः दोहराते हुए कहा है कि व्यापम द्वारा आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा में प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया की पत्नी डाॅ. श्रीमती सुधा मलैया द्वारा चयन कराये गये आरोपी कमलेश राय की रिहाई, पीएमटी परीक्षा के आरोपी राघवेन्द्रसिंह तोमर को राजनैतिक दबाव में सरकारी गवाह बनाना और मुख्यमंत्री के रिश्तेदार फरार आरोपी डाॅ. गुलाबसिंह किरार द्वारा पुलिस की आंखों के सामने मुख्यमंत्री के साथ सार्वजनिक रूप से मंच साझा करने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के बाद अब स्वतः स्पष्ट हो गया है कि एसटीएफ, उच्च न्यायालय और एसआईटी की निगरानी में नहीं, बल्कि राज्य सरकार की निगरानी और दबाव में काम कर रही है।

श्रीमती मंत्राणी का क्या हुआ ?
एसआईटी प्रमुख को संबोधित अपने पत्र में मिश्रा ने कहा है कि प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम महाघोटाले में व्यापमं के माध्यम से करायी गई वनरक्षक भर्ती परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार/ अनियमितता/ घोटाले को लेकर दर्ज एफआईआर में कमलेश राय नामक चयनित वनरक्षक भी शामिल है। इस परीक्षा को लेकर व्यापम घोटाले की जांच कर रही एजेंसी एसटीएफ के दस्तावेजों में बरामद एक्सल शीट में कमलेश राय की नियुक्ति कराने में प्रदेश के वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया की पत्नी श्रीमती सुधा मलैया द्वारा कराये जाने के पुख्ता प्रमाण हैं और एक्सल शीट में राय की नियुक्ति के आगे ‘‘श्रीमती मंत्राणी’’ संबोधित किया है।

कांग्रेस के पास उपलब्ध जानकारी अनुसार पिछले सप्ताह एसटीएफ आरोपी कमलेश राय को छतरपुर से गिरफ्तार कर भोपाल लायी थी। पांच-छहः दिन एसटीएफ ने उसे अपने कब्जे में रखा और गत् दिनांक 19 अप्रैल 2015 को राजनैतिक दबाव आने के बाद उसे छोड़ दिया है।

सीएम ने कहा तो आरोपी हो गया सरकारी गवाह
मिश्रा ने कहा कि इसी प्रकार पीएमटी घोटाले के एक आरोपी राघवेन्द्र सिंह तोमर, जिसकी मंडीदीप स्थित एक फैक्ट्री पर परीक्षार्थियों को दिये जाने वाली माॅडल आंसर शीट की तैयारी करायी जाती थी। इसके एवज में राघवेन्द्रसिंह को बड़ी धनराशि प्राप्त होती थी। इस बात के प्रमाण जेल में बंद व्यापम के चीफ सिस्टम एनाॅलिस्ट नितिन महेन्द्रा द्वारा एसटीएफ को दिये गये मेमोरेंडम में बतौर साक्ष्य उपलब्ध हैं। ऐसे गंभीर आरोपी को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के दबाव में एसटीएफ ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत सरकारी गवाह बनाकर उपकृत कर दिया गया है।

मामाजी के रिश्तेदार को क्यों नहीं पकड़ा ?
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के रिश्तेदार डाॅ. गुलाबसिंह किरार और उनके पुत्र, जिनके विरूद्ध व्यापम घोटाले में पीएमटी परीक्षा के मामले में एसटीएफ, ग्वालियर में एफआईआर दर्ज है। डाॅ. किरार 19 अप्रैल 2015 को राजधानी भोपाल के समन्वय भवन में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में मंच साझा कर रहे थे। इसके पूर्व गत् माह बरेली (रायसेन) में भी उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया था, किंतु इन दोनों ही सार्वजनिक स्थानों पर जिला पुलिस व प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी एसटीएफ द्वारा वांटेड इस आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर पाये, ऐसा क्यों?

स्टेटस रिपोर्ट में शामिल कीजिए
मिश्रा ने एसटीएफ की निगरानी कर रही एसआईटी प्रमुख श्री भूषण से आग्रह किया है कि वे इन प्रामाणिक आरोपो को अपनी निगरानी प्रक्रिया में शामिल कर उच्च न्यायालय को अवगत कराकर इस अक्षम्य अपराध के दोषियों को दंडित करवाये जाने हेतु कार्यवाही करें।

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