नईदिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता एवं पत्रकार आशीष खेतान ने भारत में एक नए किस्म के काले कारोबार का खुलासा किया है। उन्होंने इसे 'PIL इंडस्ट्री' का नाम दिया है। हालांकि वो खुद पर लगे आरोपों का जवाब दे रहे थे। बता दें कि आशीष खेतान पर 'पेडन्यूज' छापने का आरोप लगाया गया है। इसी पर पलटवार करते हुए आशीष ने प्रशांत की संपत्ति पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या वह 'पीआईएल इंडस्ट्री' से पैसा कमाते हैं?
इसी के साथ एक नई बहस की शुरूआत हो गई है। जनहित याचिका जिसे लोग समझते थे कि जनहित में लगाई जा रही है, क्या वो कमाई का भी साधन हो सकती है, और क्या वो इतने सारे लोगों के लिए कमाई का साधन हो सकती है कि उसे 'PIL इंडस्ट्री' का नाम दिया जाए। ये बड़ी बहस का विषय है, इसलिए भी क्योंकि भारत में पिछले 15 सालों में कई बड़े बदलाव जनहित याचिकाओं के माध्यम से ही लगे हैं और इसे भारत की एक नई क्रांति माना जाता है। जब सरकारें नहीं सुनतीं तो जनहित याचिकाओं पर नजर गढ़ाई जाती है। यह लोगों की उम्मीदों की लड़ाई होती है। इसे लड़ने वाले वकील या दूसरे समाजसेवी हमेशा से ही सम्मान के योग्य माने जाते रहे हैं। उनकी ईमानदारियों पर कभी कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगा, लेकिन आज आशीष खेतान ने 'PIL इंडस्ट्री' शब्द का उपयोग करके इशारा कर दिया है कि यह तो इस देश में अब एक बड़ा कारोबार हो गया है।
इस विषय पर बड़ी और गंभीर बहस जरूरी है। आपकी राय बहुत महत्वपूर्ण है। कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में शेयर करें क्या आप श्री आशीष खेतान के आरोप से सहमत हैं, यदि हांं तो क्यों और यदि नहीं तो क्यों ?
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