नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी (आप) की किसान रैली बुधवार को काला अध्याय लिख गई। ओला और बरसात से बर्बाद हुआ किसान रैली में मंच के सामने पेड़ पर फांसी पर लटक गया और मंच पर बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेता उसे देखते रहे। दुखद यह है कि किसान की मौत के बाद भी रैली जारी रही, नेता भाषण देते रहे। केजरीवाल भी भाषण के दौरान किसानों से वादे करते रहे, लेकिन उसे बचाने के लिए खुद अपना कदम आगे नहीं बढ़ाया। राजस्थान के दौसा का गजेंद्र किसान रैली में शामिल होने आया था। मुख्यमंत्री केजरीवाल गजेंद्र को अस्पताल में देखने गए, लेकिन जाने वाला तो जा चुका था।
सहानुभूति नहीं साजिश की बू देखने लगे कुमार विश्वास
समय- दोपहर 1.20
आप के वरिष्ठ नेता व कवि कुमार विश्वास किसानों की रैली को संबोधित कर रहे थे। किसी ने उन्हें नीम के पेड़ पर गजेंद्र के चढ़े होने की सूचना दी। उनसे अपील की गई की वह स्वयंसेवकों (वालंटियर) और पुलिस की मदद से उसे नीचे उतारें। इस पर कुमार विश्वास ने कहा कि यह पुलिस और भाजपा की साजिश है। दोनों मिलकर किसान रैली को फ्लॉप बनाने में जुटे हैं। हालांकि इसके बाद उन्होंने माइक के जरिए पुलिस से गजेंद्र को पेड़ से उतराने की गुजारिश की। चार-पांच वालंटियर पेड़ पर चढ़े और गजेंद्र को उतारने की कोशिश करने लगे। इस बीच कुमार विश्वास असंवेदनशीलता की हदों को पार करते हुए इस घटना पर दुख जताने के बजाय कभी गेस्ट टीचरों पर तो कभी भाजपा और पुलिस पर हमला बोलते रहे।
एक हाथ से दूसरे हाथ पर जा रही थी माइक
समय- दोपहर 1.35
आप नेता संजय सिंह ने कुमार विश्वास से माइक लिया। घटना पर दुख जताने के बजाय वह भी भाजपा पर हमला करते रहे। इस बीच स्वयंसेवकों ने गजेंद्र को पेड़ से उतारने की कोशिश की, तो वह नीचे गिर गया। जंतर-मंतर पर जुटे किसानों में अफरा-तफरी मच गई। मीडिया भी नीम के पेड़ की तरफ दौड़ी, लेकिन स्टेज से चंद कदम दूर इस पेड़ तक आप का कोई नेता नहीं गया। संजय सिंह इसे राजनीतिक साजिश करार देने में लगे रहे। उन्होंने आप द्वारा किसानों के लिए घोषित मुआवजा राशि पर अपनी पीठ भी थपथपाई।
सिसोदिया ने खोया आपा
समय : दोपहर 1.50
इस समय तक गजेंद्र को अस्पताल पहुंचाया जा चुका था। माइक मिलते ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आपा खो बैठे। कुमार विश्वास की तरह उन्होंने भी पहले पहल गेस्ट टीचरों को इसके लिए जिम्मेदार माना। कहा, पूरी घटना के पीछे सुनियोजित साजिश है। भाजपा और पुलिस दोनों मिलकर रैली को फ्लॉप करने पर तुली हैं। जिन्हें अतिथि में ई की मात्रा, हूं में छोटा उ या बड़ा ऊ की मात्रा लगाने नहीं आता वे किसानों की रैली को फ्लॉप बनाने भाजपा के इशारे पर यहां आ गए। इतने में कुमार विश्वास ने माइक लेकर दोबारा भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि पुलिस चाहती तो इस तरह की घटना नहीं होती। बार-बार बुलाने के बावजूद पुलिस मौके पर नहीं आई और न ही कोई पुलिसकर्मी पेड़ पर चढ़ा।
केजरीवाल ने भी निकाली भड़ास
समय : दोपहर 2:30
माइक जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हाथ में पहुंचा तो उन्होंने भी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि पुलिस हमारे बस में नहीं है, लेकिन वो शख्स पेड़ पर हम लोगों के सामने चढ़ा, हम पुलिस से उसे उतारने के लिए गुहार लगा रहे थे, लेकिन वो हमारे नियंत्रण में नहीं है। आत्मग्लानि हो रही है कि हमारे सामने एक शख्स सुसाइड करने पेड़ पर चढ़ा। केजरीवाल यही नहीं रुके, राजस्थान सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान सरकार ने किसान को मुआवजा दे दिया होता तो वह सुसाइड करने की नहीं सोचता।
आशुतोष का कटाक्ष
यह अरविंद जी की गलती है कि वह फौरन मंच से नहीं उतरे! यह अरविंद की गलती है कि वह फौरन पेड़ पर नहीं चढ़े! यह अरविंद जी की गलती है कि वह पेड़ की शाखाओं पर नहीं गए! दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह काम करना चाहिए। अगली बार अगर ऐसा होगा तो मैं मुख्यमंत्री जी से कहूंगा कि वह पेड़ पर खुद चढ़ें। खुद शाखाओं पर जाएं और उस आदमी को आत्महत्या करने से रोकें।
आशुतोष, आप नेता
