जबलपुर। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने बीएड में प्रवेश की परीक्षा ले ली। लेकिन पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए चार एसडीएम को मालूम ही नहीं था कि परीक्षा हो गई है।
दरअसल 19 अप्रैल को व्यापम ने शहर के 20 कॉलेजों में बीएड इंट्रेंस एग्जाम कराया। बीएड इंट्रेंस टेस्ट में जिला कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर धर्मेन्द्र मिश्रा को आब्जर्वर नियुक्त किया। परीक्षा के दिन वे कुछ कॉलेजों में निरीक्षण करने भी गए। उनके अलावा आदेश में एसडीएम ओमती, रांझी, गोरखपुर, गोहलपुर और कोतवाली को भी उड़नदस्ता प्रभारी नियुक्त किया। आदेश 17 अप्रैल को जारी हुआ। परीक्षा संचालक कॉलेज को 20 अप्रैल को प्रशासन का पत्र मिला। यानी परीक्षा खत्म होने के एक दिन बाद।
इधर क्षेत्र के एसडीएम भी परीक्षा का निरीक्षण करने नहीं गए। जिला प्रशासन ने आदेश में कलेक्ट्रेट में परीक्षा कंट्रोलरूम बनाया। इसकी जिम्मेदारी डीपीसी आरएस दीक्षित को दी। 22 अप्रैल को आरएस दीक्षित महाकोशल कॉलेज की प्राचार्य डॉ.शोभना खरे से मिलने पहुंचे। उन्होंने परीक्षा में आर्ब्जबर में बदलाव करने पर आपत्ति जताई। डॉ. खरे ने कहा कि परीक्षा के वक्त आपात स्थिति में कुछ शिक्षक नहीं आ सके। ऐसे में आर्ब्जबर बदलना पड़ा। बिना अनुमति बदलाव पर आरएस दीक्षित नाराज हुए। प्राचार्य ने अपने पद का हवाला देकर उन्हें बैरंग लौटा दिया।
बीएड परीक्षा के पहले हमारी तरफ से प्रशासन से संपर्क किया गया। आर्ब्जबर की नियुक्ति से जुड़ा आदेश 20 अप्रैल को आया। हालांकि डिप्टी कलेक्टर धर्मेन्द्र मिश्रा परीक्षा के दिन निरीक्षण कर रहे थे। कुछ सेंटर में आपात स्थिति में आर्ब्जबर बदले। जिसको लेकर आरएस दीक्षित नाराजगी जाहिर करने आए।
डॉ.शोभना खरे, प्राचार्य शासकीय महाकोशल कॉलेज
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इनको खबर नहीं
बीएड प्रवेश परीक्षा में मैं आर्ब्जबर नहीं था। परीक्षा सिस्टम मेरे पास नहीं है। मुझे इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं।
वीके देसाई, एसडीएम रांझी
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मैं बीएड प्रवेश परीक्षा में आर्ब्जबर नहीं बनी थी।
दिशा नागवंशी, एसडीएम गोहलपुर
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मैं आर्ब्जबर नहीं बना था। धर्मेन्द्र मिश्रा इस परीक्षा को देख रहे थे।
पीसी डेहरिया,एसडीएम गोरखपुर
