जबलपुर। हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए मध्यप्रदेश की सभी भूमियों को आधार से लिंक किए जाने की मांग की गई। कोर्ट ने जनहित याचिका का अहम दिशा-निर्देश के साथ निपटारा कर दिया। इसके तहत आवेदन में प्रस्तुत शिकायत व सुझावों को गंभीरता से लेने कहा गया है।
प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस रोहित आर्या की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता एपीआर कॉलोनी जबलपुर निवासी अखिलेश श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता मनोज चतुर्वेदी ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि अलग-अलग विभागों के कम्प्यूटर में दर्ज डाटा यदि परस्पर लिंक कर दिए जाएं तो राज्य की संपूर्ण भूमि के भूमि स्वामियों की जानकारी एक साथ मिल जाएगी। इससे जो सबसे बड़ा फायदा होगा वह यह कि आम नागरिकों को अधिकारी-कर्मचारी अनावश्यक परेशान नहीं कर पाएंगे। राजस्व विभाग के पटवारी-आरआई पर लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों में भी कमी आएगी।
बहस के दौरान कहा गया कि सभी भूमि दस्तावेज आधार से लिंक होने से शासकीय दफ्तरों के चक्कर काटने की पुरानी स्थिति से आम जनता को निजात मिल जाएगी। वहीं राज्य को यह लाभ होगा कि एक क्लिक में अपेक्षित जानकारी कम्प्यूटर स्क्रीन पर नजर आ जाएगी। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि भूमि स्वामी की राज्य में कहां-कहां और कितनी भूमि है।
