इंदौर। यहां 70 प्रतिशत पलिसवाले ऐसे हैं जो किसी चोर को पकड़ ही नहीं सकते। ना वो जेबकतरे का पीछा कर सकते हैं और ना ही किसी दूसरे प्रकार के अपराधी का पीछा कर सकते हैं क्योंकि उनके घुटने खराब हैं वो दौड़ ही नहीं सकते। अलबत्ता रिश्वत जरूर ले सकते हैं और शायद इसीलिए अब तक नौकरी पर हैं।
यह चौंकाने वाला खुलासा डीआरपी लाइन में लगे स्वास्थ्य शिविर में हुआ है। डीजीपी के आदेश पर रविवार को लगाए गए कैम्प में 450 जवानों का चेकअप हुआ। इसमें पता चला कि 300 से ज्यादा जवान आस्टियो आर्थोराइटिस बीमारी के शिकार हैं। इससे मरीज के घुटने कमजोर हो जाते हैं। मैदान में दौड़-भाग करना मुश्किल हो जाता है। कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है।
40 के बाद होती है बीमारी
डॉक्टरों के मुताबिक, आस्टियो आर्थोराइटिस की बीमारी सामान्यतः 40 साल के बाद होती है। इससे मरीज के घुटने का शेप बदलने लगता है। थोड़ी-सी दौड़-भाग करते ही उसे असहनीय दर्द होता है। घुटनों में सूजन आ जाती है। यही नहीं फिटनेस बनाए रखने के लिए पुलिस वालों को ज्यादा शारीरिक व्यायाम कराना पड़ता है।
साढ़े चार हजार से ज्यादा जवान
इंदौर पुलिस में साढ़े चार हजार से ज्यादा जवान हैं। इनमें से 40 फीसदी की उम्र चालीस से ज्यादा है। शिविर में हुए खुलासे के बाद इन जवानों की कार्यक्षमता ही सवालों के घेरे में आ गई है।
भर्ती के बाद नहीं होती जांच
पुलिस जवानों की फिटनेस भर्ती के वक्त चेक की जाती है। एक बार भर्ती होने के बाद जवानों की नियमित जांच का कोई पैमाना ही नहीं है। यही वजह है कि ऐसे जवान जो दौड़-भाग नहीं कर पाते, उन्हें ऑफिस का काम सौंप दिया जाता है।
भर्ती के वक्त शारीरिक अनिवार्यता :
सीना - 32 इंच (बगैर फुलाए), 36 इंच (फुलाकर)
ऊंचाई- न्यूनतम 5 फीट 6 इंच
घुटनों की स्थिति - दोनों घुटने आपस में मिलना नहीं चाहिए
लाइफ स्टाइल बदलने की सलाह दी
शिविर में 450 जवानों की जांच की गई। 70 फीसदी के लगभग जवान आस्टियो आर्थोराइटिस से ग्रसित पाए गए। उन्हें दवाओं के साथ व्यायाम और लाइफ स्टाइल में बदलाव की सलाह दी गई।
डॉ. साकेत जती (हड्डी रोग विशेषज्ञ), शिविर संयोजक
अभी रिपोर्ट नहीं आई है
पुलिसकर्मियों के लिए मेडिकल चेकअप कैंप लगाया गया था। अभी उसकी रिपोर्ट मेरे पास नहीं आई है, अगर ऐसा है तो यह गंभीर मसला है।
राकेश गुप्ता, DIG