भिंड। यातायात के नियम है कि चलते वाहन में मोबाइल पर बात ना करें, यदि बात करना है तो पहले वाहन रोकें फिर मोबाइल पिक करें। यहां एक युवक ने ऐसा ही किया तो उसकी बेवक्त मौत हो गई। पीछे से आ रहे डंपर ने उसे उड़ा दिया।
हादसा मेहगांव में नेशनल हाईवे पर जीसकपुरा गांव की सड़क के पास सुबह 7 बजे हुआ। हादसे के बाद काफी देर तक पुलिस नहीं पहुंची। इससे गुस्साए लोगों ने डंपर में आग लगा दी। डंपर में आग लगाने की सूचना मिलते ही एएसपी अमृतण मीणा और एसडीएम उमेश शुक्ला पुलिस बल के साथ पहुंच गए।
ससुराल से 10 मिनट पहले चले
शहर के दबोहा मोड़ हाईवे किनारे रहने वाले कमलेश पुत्र प्रहलाद ओझा उम्र 40 साल शुक्रवार को अंबाह में फलदान समारोह में शामिल होने गए थे। उनके साथ मेहगांव के जीसकपुरा गांव निवासी उनके साले सीताराम पुत्र लटूरी ओझा भी साथ गए थे। फलदान समारोह में शामिल होकर कमलेश और सीताराम शनिवार सुबह 4 बजे अंबाह से जीसकपुरा गांव लौटे।
यहां 2 घंटे के बाद कमलेश चाय-नाश्ता कर सुबह 7 बजे बाइक से भिंड के लिए रवाना हुए। गांव की रोड से हाईवे पर आए तो कमलेश के मोबाइल पर किसी ने कॉल किया। कमलेश ने बाइक खड़ी कर कॉल रिसीव किया और बात करने लगे। इसी दौरान ग्वालियर की ओर से डंपर आया और कमलेश को रौंदते हुए सड़के के नीचे खाई में पलट गया। डंपर पलटते ही ड्राइवर कूदकर भाग गया।
शव देखकर भड़के लोग
हादसे के दौरान कमलेश का शव डंपर से बुरी तरह से कुचल गया। डंपर खाई में पलटने के काफी देर बात तक पुलिस नहीं पहुंची। इसके बाद ग्रामीण इकठ्ठे होने लगे। ग्रामीणों ने गुस्से में आकर डंपर को आग के हवाले कर दिया। डंपर में आग लगने की सूचना मिलने के बाद मेहगांव का पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस के पहुंचने के बाद ग्रामीण वहां से हटे। इसके बाद एएसपी और एसडीएम भी मौके पर पहुंच गए।
कमलेश ही थे पूरे परिवार का सहारा
मृतक कमलेश ही अपने घर का सहारा थे। परिवार में उनसे छोटे 3 भाई सतीश, देवेंद्र, अरविंद हैं। लेकिन तीनों भाई मजदूरी करते हैं। कमलेश आरा मशीन चलाते हैं। घर में मां पार्वती देवी, पिता प्रहलाद सिंह, पत्नी उर्मिला देवी उम्र 35 साल, 2 बेटियां पूजा उम्र 16 साल 10वीं में पढ़ती है। छोटी बेटी पूनम उम्र 14 साल कक्षा 8वीं में पढ़ती है। बेटा सूरज 10 साल है जो 7वीं में पढ़ता है।