ग्वालियर। परिवहन विभाग के अधिकार क्षेत्र में चैक पोस्टों पर लगाये गये, इलैक्ट्रोनिक तौल कांटों के खेल में 120 करोड़ का गोलमाल होना उजागर हुआ है। शासकीय व्यय पर वर्ष 2008 में दो चैक पोस्टों पर तौल कांटे लगाये गये थे, इसके अलावा एक कंपनी के साथ 24 अन्य चैक पोस्टों पर कांटे लगाने का अनुबंध किया गया था।
जिस कंपनी से अनुबंध हुआ उस कंपनी ने शासकीय व्यय से स्थापित किये गये दो तौल कांटों को भी अपने खाते में शामिल कर लिया। इसके साथ ही दोनों तौल कांटों से माल वाहक वाहनों से शुल्क भी वसूला। 20 अगस्त 2014 को शिकायत मुख्य सचिव म.प्र. शासन के पास की गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। 24 कांटों के लिये 1150 करोड़ की राशि तय की गई, इससे पहले दो कांटों पर 120 करोड़ की राशि सरकारी खर्च की गई। सैंधवा और शाहपुरफाटा में दो कांटे सरकारी व्यय पर लगाये गये थे। इस पर कार्यवाही न होने से तमाम सवाल खड़े हुये हैं।
