कोझिकोड। कोझिकोड के एक CBSE स्कूल ने 8 साल तक के तकरीबन 250 मासूम बच्चों को घंटों बंधक बनाए रखा और मांगे जाने के बावजूद उन्हें पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। इन बच्चों को बंधक बनाए जाने का कारण था समय पर स्कूल की फीस न जमा कर पाना।
इसके कारण दो बच्चे बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। पुलिस ने स्कूल के प्रिंसिपल पी. अब्दुल रहमान, वाइस प्रिंसिपल गिरिजा सुंदरम और अकाउंट अधिकारी पर जूवेनाइल जस्टिस एक्ट और IPC की धारा 342 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
बंधक बनाए जाने के कारण बेहोश हुई 8 वर्षीय मासूम बच्ची इशम फातिमा ने बताया कि हॉल के अंदर बहुत गर्मी थी और उन्हें पानी तक नहीं पीने दिया गया। वहां बैठने की भी जगह नहीं थी। इस बारे में शिकायत करने पर सभी को बोला गया कि एक-दूसरे के गोद में बैठ जाओ।
बच्चों के अभिभावकों का कहना था कि सीबीएसई से अस्थायी संबंद्धता पर चल रहे स्कूल की मान्यता बीते साल मार्च में समाप्त हो गई थी इसलिए फीस को लेकर सभी में संशय था।
हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को बंधक बनाए जाने की घटना से इंकार किया है। स्कूल के निदेशक टीएम अबूबाकर ने बताया कि जिन बच्चों की स्कूल फीस जमा नहीं हुई थी, उन्हें हॉल में ब्रीफिंग के लिए इकट्ठा किया गया था। बच्चों को ब्रीफ कर स्कूल प्रिंसिपल वहां से निकल ही रहे थे कि कि स्कूल बंद होने का विरोध कर रहे कुछ बच्चों के अभिभावक वहां पहुंच गए और उन्होंने हॉल का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और प्रदर्शन करने लगे।
मेडिकल कॉलेज सब इंस्पेक्टर एमटी जैकब ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। केरल राज्य बाल अधिकार आयोग ने जिला पुलिस कप्तान से मामले की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।