तहसीलदार और प्रोफेसर्स के बीच तनातनी, चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार

ग्वालियर। चुनाव ड्यूटी लगाने को लेकर एमएलबी कॉलेज में तब अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब जीवाजी विश्वविद्यालय और कॉलेजों के असिस्टेंट प्रोफेसरों सहित दूसरे कर्मचारियों ने निर्वाचन ड्यूटी का बहिष्कार कर दिया।

तहसीलदार के अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर चुनाव ड्यूटी में कम ग्रेड और कम वेतन वाले अधिकारी के अंडर में काम करने वाले मुद्दे को लेकर ड्यूटी का बहिष्कार कर रहे थे। दूसरी और कॉलेजों के कुछ शिक्षकों ने तहसीलदार पर भी बिना वजह परेशान करने और अपराधियों जैसा सुलूक करने के आरोप लगा दिए। बुधवार दोपहर 3 बजे तक सभी मतदान दल पोलिंग सेंटरों के लिए रवाना हो सके।

रिजर्व से करना पड़ी पूर्ति
तहसीलदार उमेश कौरव ने बताया कि मुरार क्षेत्र के पोलिंग सेंटरों पर जाने से कुछ असिस्टेंट प्रोफेसरों ने मना कर दिया। वे निर्वाचन ड्यूटी का बहिष्कार करने पर तुले हुए थे। इस कारण मतदान दलों को पूरा करने के लिए रिजर्व में से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। इसी कारण सुबह 8 बजे से मतदान दलों को भेजना शुरू किया था, लेकिन दल बनने में बार-बार विलंब हुआ। इस कारण दोपहर 3 बजे तक मुरार व भितरवार के लिए मतदान दलों को रवाना किया जा सका।

प्रोफेसर्स बोले, बिना कारण देर शाम तक खड़ा रखा
उधर लगभग 40 से अधिक कॉलेजों के प्रोफेसर्स ने तहसीलदार उमेश कौरव पर आरोप लगाया कि बिना किसी कारण वे उन्हें अपराधियों की तरह एमएलबी कॉलेज में देर शाम तक खड़ा रखने को मजबूर करते रहे। केआरजी कॉलेज के कुछ प्रोफेसर्स ने बताया कि उनकी ड्यूटी रिजर्व में लगाई गई थी। दोपहर 3 बजे तक सभी मतदान दल अपने रिजर्व साथियों के साथ पोलिंग बूथों के लिए रवाना हो गए थे। इसके बाद तहसीलदार कौरव से इन लोगों ने कई बार घर वापस जाने या चुनाव ड्यूटी लगाने की बात कही तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब देने के बजाय देर शाम 6 बजे तक एमएलबी कॉलेज में खड़ा रखा। हर बार उनसे अभद्रता कर अपराधियों जैसा सुलूक किया गया। बाद में कोई निर्देश दिए बगैर खुद भी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए।


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