जबलपुर/भोपाल। हाईकोर्ट जबलपुर ने शुक्रवार को उन पांच मेडिकल छात्रों को क्लास अटेंड करने तथा परीक्षा देने की अनुमति दे दी, जिन्होंने एमबीबीएस में अपना एडमिशन सस्पेंड होने के खिलाफ याचिका दायर की है।
चीफ जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस केके लाहोटी की युगलपीठ ने उक्त अंतरिम व्यवस्था के साथ यह निर्देश भी दिए कि अगले आदेश तक इन छात्रों का रिजल्ट घोषित न किया जाए। यह पांचों छात्र एमबीबीएस के हैं जिन्हें वर्ष 2009 से 2012 के बीच की पीएमटी में गड़बड़ी के संदेह के आधार पर सस्पेंड कर दिया गया था। हाईकोर्ट में ऐसे छात्रों की याचिकाओं की सुनवाई तीन वर्गों में हो रही है। शुक्रवार को सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सस्पेंड तथा बर्खास्त छात्रों सहित सीबीआई जांच की मांग से संबंधित सभी याचिकाओं पर 11 मार्च को सुनवाई के निर्देश दिए हैं।
भोपाल के 28 छात्रों को किया था सस्पेंड
जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 से 2012 के बीच भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के करीब 28 छात्रों को संदेह के आधार पर सस्पेंड कर दिया गया था। इनमें से तीन को तो क्लास से बर्खास्त किया गया था, जबकि 17 को बाद में परीक्षा में बैठने की मंजूरी दे दी गई थी। इन छात्रों को को कोर्ट से मिली राहत के बाद अन्य सस्पेंड छात्रों के लिए भी परीक्षा में शामिल होने का रास्ता खुल सकता है।