भोपाल। सीआईडी को सौंपे गए फर्जी कमोडिटी मार्केट मामले के सरगना अमित सोनी और अनुराग सोनी अन्य कंपनियों के भी डायरेक्टर बने बैठे हैं। इनमें ज्वेलरी, कमोडिटी और करंसी के लेन-देन करने वाली पांच से ज्यादा कंपनियां शामिल हैं।
अब तक की जांच में सीआईडी को यह जानकारी हासिल हुई है। माना जा रहा है कि सीआईडी इन कंपनियों को भी जल्द ही जांच के घेरे में लेने जा रही है।
30 अक्टूबर को उजागर हुए इस फर्जीवाड़े के सात आरोपियों को सायबर सेल ने गिरफ्तार किया था। लेकिन मप्र में कंपनी का काम देखने वाला अमित सोनी तभी से पाली (राजस्थान) पुलिस की गिरफ्त में था। अब सीआईडी ने उसे प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। सीआईडी ने शुक्रवार को इस मामले से जुड़े आठ आरोपियों को अदालत में पेश किया।
यहां से अदालत ने विजय सेमरे और राकेश बत्रा को 18 नवंबर तक जबकि अमित सोनी को 20 नवंबर तक रिमांड पर भेजने के आदेश किए, जबकि अन्य को जेल भेज दिया है। जांच में सीआईडी को पता चला है कि आरोपियों का साथी अनुराग सोनी मनी हाउस प्राइवेट लिमिटेड, तिरुपति कमोडिटी, सेनटेक पावर सिस्टम, कार्तिकेय ज्वेलर्स, एयू कमोडिटी और देवार्ड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों का काम भी संभालता है।
बी-कॉम पास हैं आरोपी
स्वप्निल भट्ट, कुनाल सोमाल, अनुराग सोनी, राजेश रूपावत, राकेश बत्रा और अमित सोनी बी-कॉम पास हैं। उनके अन्य तीन साथी विजय सेमरे व अमजद विलिम 12वीं और अमित उर्फ गोपाल नेमा 10वीं पास हैं। सीआईडी को आरोपियों के एक और साथी के बारे में पता चला है, जो इन दिनों मुंबई में है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम मुंबई भेजी जाएगी।
बढ़ी धाराएं: सीआईडी ने मामले की जांच के दौरान आरोपियों के खिलाफ सात धाराएं और बढ़ा दी हैं। इनमें आईपीसी की 409, ४६७, ४६८, ४७१, ४७४, 120बी और ३४ की धाराएं शामिल हैं।