भोपाल। लिव इन रिलेशन का अंत ब्रेकअप से हुआ और यही रिलेशन, निकाह के बाद बने पति और पत्नी के रिश्तों के लिए जहर बन गया। अब हालत ये है कि इस त्रासदी से गुजरने वाली युवती न्याय के लिए दर-दर भटक रही है।
शुक्रवार को महिला थाना परामर्श केंद्र में मामले की सुनवाई के बाद काउंसलर ने युवती को अदालत की शरण लेने की नसीहत दी है। यह पीड़ा हाल ही में महिला परामर्श केंद्र में भोपाल की ही तबस्सुम (परिवर्तित नाम) ने दर्ज कराई है। तबस्सुम का अफेयर सुमित (परिवर्तित नाम) से हो गया था। तबस्सुम, सुमित के साथ ही करीब पांच साल तक लिव इन रिलेशन में रही। सुमित और तबस्सुम की दो बेटियां हैं। यह रिलेशन शादी के संबंध में बदल पाता, इससे पहले ही दोनों के बीच ब्रेकअप हो गया।
ऐसे में तबस्सुम ने तलाकशुदा शहबाज से निकाह कर लिया। शाहबाज का ये तीसरा निकाह था, पहली दो बीवियों से पांच बच्चे हैं। छह महीने पहले ही शहबाज़ ने तबस्सुम को तलाक दे दिया। यह स्थिति तब है जब शहबाज और तबस्सुम की नौ माह की बेटी है। दरअसल शहबाज को संदेह हो गया था कि तबस्सुम के सुमित के साथ रिश्ते बरकरार हैं।
अब तीन बेटियों के साथ जिंदगी से जूझ रही तबस्सुम ने कजियात में अर्जी लगाई, लेकिन वहां उसे उम्मीद के मुताबिक न्याय नहीं मिला, इसके बाद उसने महिला परामर्श केंद्र में अर्जी लगाई है। तबस्सुम शहबाज के साथ ही रहना चाहती है। वह तलाक मानने को तैयार नहीं है, जबकि कजियात में उसे बताया गया है कि उसका तलाक हो चुका है।
शहबाज भी तबस्सुम को दोबारा स्वीकार करने को तैयार नहीं है। हालांकि शहबाज तलाक के बाद भी उससे पत्नी जैसे संबंध बनाए हुए है। इधर महिला परामर्श केंद्र में काउंसलर आफताब अहमद ने शहबाज को हिदायत दी है कि वह तबस्सुम को खर्च दे, और तबस्सुम को कोर्ट जाने की सलाह दी है।