शुजालपुर व कालापीपल विधानसभा इलाके के दर्जनों गाँवों में विकास न होने से खफा वोटर प्रशासन और राजनेताओ, दोनों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं, दरअसल इन गाँवों में लोगो ने न सिर्फ सामूहिक मतदान बहिष्कार का एलान कर दिया है बल्कि कई जगह तो बड़े बड़े बेनर लगाकर नेताओ के घुसने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
आक्रोशित मतदाता कहीं अफसरों के पुतले बनाकर जला रहे हैं तो कही जल रहे हैं नेताओ के झूठे वादों के रावण। निर्वाचन आयोग के आदेश पर घर घर जाकर वोट डालने की अपील की जा रही है स्कूली बच्चे मतदाताओ को मतदान के लिए प्रेरित करने सड़क पर निकले हैं कोई नारे लगा रहा हे तो कोई हाथो में तख्थिया लिए वोट जरुर डालने की अपील कर रहा है लेकिन इनकी अपील के बावजूद लोग मतदान का सामूहिक बहिष्कार करने का एलान कर रहे हैं।
शुजालपुर में लोग अफसरों के पास पहुंचकर मतदान का बहिष्कार करने के घोषणा पत्र सोप रहे हे। ।मतदातो के गुस्से ने अफसरों और नेताओ की नींद उड़ा दी हे आइये आपको दिखाते हे मध्य प्रदेश की वो हकीकत जो चुनावी सपने देख रहे नेताओ की नींद उड़ाने के लिए नाकाफी नहीं होंगे। चुनावी दीवाली से पहले वोटरों की मतदान बहिष्कार की आतिशबाजी सही हे या गलत आज बात करंगे हल्ला बोल पर इसी पर
कालापीपल विधानसभा के निपानिया हिसामुदीन गाँव को शुजालपुर से जोड़ने के लिए साड़े तीन किलो मीटर की सड़क का वादा कर वोट मांगे गए पर चुनाव के बाद वादे हवा और नेता गायब हो गए अब इस गाँव में नेताओ के घुसने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया हे गाँव के बाहर ही बड़े बड़े बेनर लगा कर रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा गांववालों की मंशा बता रहा हे दश हरे पर इस गाँव में रावण की जगह नेताओ के झूठे वादों का रावण बनाकर जलाया गया
शुजालपुर विधानसभा इलाके में उगली कमालपुर तक बनी ७ करोड़ की सड़क सात महीने में ही मिटटी की तरह बिखरने के बाद ग्राम टपका बसंतपुर के लोगो ने मतदान नहीं करने की ठानी हे। ।इस गाँव के १ हजार से भी ज्यादा मतदाता सड़क निर्माण में भर्ष्टाचार पर लोक निर्माण विभाग का पुतला जलाकर तब तक मतदान न करने की बात कह रहे हे जब तक घटिया सड़क निर्माण में दोषी अफसरों पर कार्यवाही कर नई सड़क नहीं बनवाई जाती। … दरअसल इस सड़क में करोडो के घपले पर बी जे पि के विधायक अब हल्ला मचने पर जांच की बात कह रहे हे लेकिन अब जनता अफसरों और नेताओ की जुगलबंदी समझ चुकी हे और शिवराज की हेट्रिक पर उखड़ी हुई सडको का ग्रहण लगता दिखाई दे रहा हे
कालापीपल विधानसभा के बेगम खेडी में भी यही हालत हे यहाँ नेवज नदी पर कोई नेता पुल नहीं बनवा पाया और पूरा गाँव जान जोखिम में ड़ाल नदी पार कर आता जाता हे स्कूल के बचे व मरीजो की जान हमेशा जोखिम में होती हे इस गाँव में कई महिलाए सड़क व पुल न होने से प्रसव से पहले ही मर चुकी हे यहाँ भी महिलाओं ने मतदान बहिष्कार का एलान किया हे कोई
इम्लिखेडा की तस्वीर तो बिलकुल जुदा हे यहाँ लोग सड़क के लिए हर नेता और अफसर की चोखट पर गए लेकिन कुछ नहीं हुआ और परेशां ग्रामीणों में से किसी ने फावड़ा उठाया तो कोई तगारी लाकर खुद ही सड़क बनाने में जुट गया। लोगो ने खुद सदा तो बना ली पर अब उन्होंने किसी को वोट न दने की ठानी हे …इनका कहना हे की पुरे पांचा साल न नेताओ ने तकलीफ समझी और न ही कोई अफसर इन गाँव वालो को सड़क की सोगात दे पाया तो फिर क्यों दे वोट। ।
तिलावद खेडा में भी एक अदद पुल की दरकार थी गाव वालो ने सी एम से लेकर कमिश्नर कलेक्टर सबको अपना दर्द बताया लेकिन गाँव में अफसरों की चोपाल और सी एम की जनदर्शन यात्रा भी यहाँ कोई परिवर्तन नहीं कर पाई। …गान्व वालो की मज़बूरी कहे या तकलीफ भोगने की नीयती उन्होंने खुद एक खजूर के पेड़ का खतरनाक पुल बना कर अपनी जरुरत को जुगाड़ से पूरा कर लिया। ।५ साल तक इन लोगो की तकलीफ नेताओ के मुह पर शिकन नहीं ला पाई और अब इन लोगो ने वोट की चोट कर मतदान न करने का एलान कर दिया हे
वोटर बहिष्कार करे और नेता और अफसर हूप रहे ये कैसे हो सकता हे अब आप देखिये जरा क्या कहते हे इलाके के विधायक ,इनका कहना हे यदि कोई करोडो की सड़क उखड़ी हे तो जांच होना चाहिए और जहा काम नहीं हुए वह भी जल्द काम होंगे
अफसर तो नेताओ से भी एक कदम आगे निकले और नायब तहसीलदार ने इलाके में लोगो द्वारा सामूहिक बहिष्कार के ज्ञापन देने की बात तो स्वीकारी पर कहा की प्रशासन का काम जागरूक करना हे वो हम कर रहे हे और रही बात विकास की तो वो हुआ हे और कुछ लोग हीरो बनाने के लिए पुरे गाँव को मतदान से दूर करने के बहका रहे हे