करैरा में रमेश खटीक के लिए मुफीद माहौल, बाकी पर तनाव

भोपाल। शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों पर इस बार रोचक मुकाबले देखने को मिलेंगे। सामान्यत: यह जिला भाजपा का गढ़ माना जाता है और सिंधिया समर्थित क्षेत्र के रूप में विख्यात है। अक्सर कहा जाता रहा है कि यहां चुनावों के नाम पर फ्रेंडली मैच होते हैं, लेकिन इस बार असली कुश्ती दिखाई देने की उम्मीद है।

शिवपुरी विधानसभा से यशोधरा राजे सिंधिया का उतरना लगभग तय हो गया है। उन्होंने अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा स्थगित कर दी है एवं संगठन को भरोसा दिलाया है कि वो पूरी तरह से सक्रिय भागीदारी निभाएंगी। अब बॉल संगठन के पाले में है कि वो उन्हें विधानसभा प्रत्याशी के रूप में उपयोग करता है या स्टार प्रचारक के रूप में। कांग्रेस का टिकिट भी यशोधरा राजे सिंधिया के निर्णय पर टिका हुआ है। वीरेन्द्र सिंह रघुवंशी के नाम पर सहमति होने की उम्मीद जताई जा रही है परंतु अंतिम निर्णय यशोधरा राजे सिंधिया के बाद ही होगा।

करैरा विधानसभा में मुकाबला इस बार भी रोचक ही रहेगा। भाजपा नेता रमेश खटीक के लिए वहां मुफीद माहौल है। लोगों में रमेश खटीक को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। यहां भोपाल में अभी कोई सूची जारी नहीं हुई है परंतु माना जा रहा है कि रमेश खटीक का टिकिट पक्का है। हालांकि ओमप्रकाश खटीक टिकिट में टंगड़ी अड़ाने का उपक्रम कर रहे हैं परंतु ओमप्रकाश जानते हैं कि मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष के बेटे को टिकिट मिलना आसान काम नहीं है। यदि वीटो लगाया तो जो मिल गया है वो भी हाथ से निकल जाएगा। कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई दमदार नाम सामने नहीं आया है।

पिछोर में केपी सिंह: बस इसके बाद लिखने की कोई जरूरत ही शेष नहीं रह जाती परंतु नरेन्द्र सिंह तोमर चाहते हैं कि इस बार केपी सिंह को करारी टक्कर दी जाए। यह मनोकामना तो उमा भारती की भी थी परंतु पिछोर के मतदाताओं ने तथास्तु ही नहीं किया। तोमर क्या कुछ कर लेंगे यह भी देख ही लिया जाएगा। कुल मिलाकर पिछोर के वोटर्स अपना वोट बर्बाद करना पसंद नहीं करते और केपी सिंह का टिकिट उड़ाने की हिम्मत कम से कम प्रदेश कांग्रेस के तो किसी नेता में नहीं है।

पोहरी में जैसा हमेशा होता आया है, वर्तमान विधायक फिर से मैदान में उतरेंगे, लेकिन पोहरी के मतदाता अपनी परंपरा को तोड़ेंगे इस संभावना पर विचार करने की गुंजाइश कम ही है। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस देवव्रत शर्मा पर दांव लगाने का मन बना रही है।

कोलारस में तोमर एंड ब्रदर्स की ओर से देवेन्द्र जैन को तैयारियों का इशारा पहले भी मिल गया था, 15 अक्टूबर को दूसरी बार भी दे दिया गया है। जैन अपनी तैयारियों में जुटे भी हुए हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस रामसिंह यादव को उतारेगी और यादवों में फूट डालने के लिए ही उन्होंने बैजनाथ यादव को सपोर्ट कर दिया है। अब देखना यह है कि देवेन्द्र जैन के जमाने मोहरे कितने फिट बैठते हैं।

कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह ने हाईकमान से शिवपुरी की वो सभी सीटें मांगी हैं जहां पिछली बार कांग्रेस बुरी तरह हार गई थी। दिग्विजय सिंह ने विश्वास के साथ दावा किया है कि यदि उन्हें यह अवसर दिया गया तो वो शिवपुरी की पांच में से कम से कम 3 सीटें जरूर निकाल जाएंगे। अब देखना यह है कि हाईकमान उन्हें यह चांस देता है या नहीं।


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