पत्रकार का सुसाइड नोट मिला, 23 पेज में लिखी पूरी कहानी, 33 अफसरों के नाम

भोपाल। मंत्रालय में मुख्य सचिव के दफ्तर के सामने पत्रकार राजेंद्र सिंह राजपूत द्वारा खुदकुशी करने के मामले में जहांगीराबाद पुलिस 33 अफसरों से जल्द ही पूछताछ कर सकती है।

खुदकुशी से पहले लिखे सुसाइड नोट में राजेंद्र ने इन अफसरों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। राजेंद्र की पत्नी ने इसे हत्या का मामला बताते हुए अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे समन्वय कॉलोनी (अवधपुरी) निवासी 45 वर्षीय राजेंद्र ने सल्फास खा लिया था। बुधवार को पोस्टमार्टम कराने पहुंचे राजेंद्र के छोटे भाई महेश कुमार का कहना है कि राजेंद्र को कुछ समय से धमकियां मिल रही थीं। उन्हें रास्ते में रोककर डराया जाता था कि मामला वापस ले लो, वर्ना अंजाम बुरा होगा।

23 पेज के सुसाइड नोट में इन अफसरों का जिक्र
  1. डॉ. शैलेंद्र खांबरा,
  2. रवींद्र खांबरा,
  3. डॉ. प्रशांत खांबरा,
  4. वेदप्रकाश मजोना,
  5. परमिंदर निरंकारी,
  6. दर्शन खांबरा,
  7. अभिमन्यु खांबरा,
  8. विशाल खांबरा,
  9. किशोर खांबरा,
  10. अशोक खांबरा,
  11. मनोज कुमार मजोना,
  12. बीएन खांबरा,
  13. कुलदीप ओड,
  14. परमानंद राजपूत,
  15. डॉ. ओपी ओड,
  16. डॉ. काजल खांबरा,
  17. डॉ. माधवी खांबरा,
  18. डॉ. शालिनी खांबरा,
  19. डॉ. नम्रता खांबरा,
  20. रवि मोल्दा,
  21. अंकिता खांबरा,
  22. धर्मचंद्र खांबरा,
  23. डॉ. नीलम खांबरा,
  24. श्रीराम मजोना,
  25. डॉ. अनिल ओड,
  26. नीरा मजोना,
  27. सुशील कुमार मजोना,
  28. डॉ. सुभाष चंद्र खांबरा,
  29. मोहन सिंह ओड,
  30. अजय कुमार,
  31. एसएस भंडारी,
  32. महेंद्र कुमार
  33. और डॉ. वंदना ओड।

खुदकुशी नहीं हत्या

राजेंद्र की पत्नी रजनी का कहना कि कुछ अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली। रजनी ने घटना को हत्या करार देते हुए कहा कि पुलिस ने अब तक कोई सहयोग नहीं किया है। अफसरों के खिलाफ डीजीपी, आईजी और गोविंदपुरा टीआई से भी शिकायत की गई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अपहरण व मारपीट की शिकायत भी गोविंदपुरा पुलिस ने अनसुनी कर दी।

ये था मामला
2006 में राजेंद्र ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वालों की जानकारी आरटीआई के जरिए निकलवाई थी। इसमें 300 लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें से 33 अफसरों पर राजेंद्र ने प्रताड़ित और धमकाने का आरोप लगाया था।

कब-कब की शिकायत

  किससे                              कब                         क्या हुआ
 आईजी सायबर सेल     20 जुलाई 2013           एफआईआर हुई, गिरफ्तारी नहीं
 डीजीपी                        30 सितंबर 2013           कोई कार्रवाई नहीं
 मुख्य सचिव                 5 अक्टूबर 2013            कोई कार्रवाई नहीं

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