भोपाल। जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के निकट संबंधी एवं व्हीएनएस कॉलेज के पूर्व चेयरमैन मध्यप्रदेश में हुए पीएमटी फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड भी है। 40 हजार मासिक की नौकरी से 4000 करोड़ के कारोबार के पीछे ऐसे ही कई काले कारनामे छिपे हुए हैं और यह सबकुछ हुआ है एबीव्हीपी व आरएसएस की सरपरस्ती में।
राज्य की राजधानी भोपाल के प्रवास पर आए सिंह ने शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि एक व्यक्ति (सुधीर शर्मा) जो एक दशक पहले महज संविदा प्राध्यापक था, आज चार हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक है।
यह कैसे हुआ यह बात अब सामने आ रहे हैं। उसके यहां पड़े आयकर विभाग के छापों में मिले दस्तावेजों से यह बात सामने आ चुकी है कि उसके राज्य के मंत्रियों, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लेनदेन के रिश्ते रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री का आरोप है कि शर्मा व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित प्री मेडिकल परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड है। शर्मा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्रिस्प संस्था का पदाधिकारी भी बनाया था, यह वह संस्था है जो राज्य को कंप्यूटर और तकनीक आदि के क्षेत्र में मार्गदर्शन देती है। इसी के जरिए शर्मा ने व्यापमं के अफसरों के साथ मिलकर गड़बड़ी की।
ज्ञात हो कि राज्य में पिछले दिनों पीएमटी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसमें व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी सहित कई अफसरों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शर्मा की व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक से करीबियां जगजाहिर है।
मालूम हो कि शर्मा राज्य के बड़े खनन कारोबारी हैं, उनके यहां आयकर विभाग के छापों में दस्तावेज मिले थे। इन दस्तावेजों में कई नेताओं से लेनदेन का जिक्र है। यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो के पास है। गुरुवार को उन्हें सीबीआई ने पूछताछ के लिए भी बुलाया था।