भोपाल। एक जमाना हुआ करता था उमा भारती को चुनाव प्रचार में बुलाने वालों की लम्बी लाइन लगती थी और एक वक्त आज का है, चुनाव प्रचार में जाने के लिए भी उमा भारती को प्रेशर क्रिएट करना पड़ा। अंतत: उन्हें 6 दिन का मौका दे ही दिया गया। अब वो मप्र में चुनाव प्रचार करेंगी।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देन के बाद से ही मध्यप्रदेश की राजनीति से बेदखल कर दीं गईं उमा भारती मध्यप्रदेश में जमे रहने के लिए हर संभव कोशिश कर रहीं हैं। भाजश के बाद लौटकर भाजपा में आईं उमा को उम्मीद थी कि कम से कम उनके वर्तमान विधायकों को तो टिकिट मिल ही जाएंगे, लेकिन शिवराज एंड तोमर ब्रदर्स ने टिकिट देना तो दूर की बात, उन्हें सूची तक में शामिल नहीं किया। समर्थक तो दूर की बात उमा भारती तक को कोई तवज्जो नहीं दी जा रही।
अंतत: कल प्रेस के सामने जब उन्होंने बयानबाजी की शुरूआत की तब कहीं जाकर थोड़ा बहुत सेटलमेंट जमा। आज भोपाल में अपने आवास पर उमा ने एक प्रेसवर्ता में इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी ने उनसे 6 दिन का वक्त मांगा है लेकिन अगर जरुरत पड़ा तो पार्टी उनसे ज्यादा वक्त भी मांग सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा को जितने समय की जरूरत होगी, वे उतना समय देंगी।
अब वो अपने मुंह से कैसे कहें कि पार्टी ने उनसे वक्त नहीं मांगा, उन्होंने पार्टी से बार बार निवेदन किया, तब कहीं जाकर इज्जत बचाने के लिए 6 दिन मिले हैं। उसमें भी पार्टी ने गाइडलाइन भेज दी है, क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना। यदि पार्टीलाइन के बाहर बयानबाजी की तो फिर भेज दिया जाएगा गंगा बचाओ अभियान पर।